बांग्लादेश की अदालत से चिन्मय कृष्ण दास को फिर झटका, खारिज की जमानत याचिका
ढाका से चटगांव गए 11 सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की एक टीम द्वारा दाखिल जमानत याचिका को मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश एमडी सैफुल इस्लाम ने लगभग 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खारिज कर दिया।
चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज
Chinmoy Das Bail Plea Rejected: बांग्लादेश के चटगांव की एक अदालत ने जेल में बंद हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। उन्हें ढाका पुलिस ने 25 नवंबर को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया था। ढाका स्थित द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, ढाका से चटगांव गए 11 सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की एक टीम द्वारा दाखिल जमानत याचिका को मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश एमडी सैफुल इस्लाम ने लगभग 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खारिज कर दिया।
11 वकीलों की टीम ने दायर की जमानत याचिका
11 वकीलों की टीम का नेतृत्व अधिवक्ता अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने किया, जो सम्मिलितो सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता भी हैं। इसी संगठन का हिस्सा चिन्मय कृष्ण दास भी हैं। इस्लामवादियों द्वारा सार्वजनिक पिटाई की धमकी के बाद चटगांव अदालत में चिन्मय का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील नहीं आ सका, जिसके एक महीने बाद आज कड़ी सुरक्षा के बीच सुनवाई हुई।
चिन्मय कृष्ण दास के पिछले वकील, रबींद्रनाथ घोष अचानक सीने में दर्द के बाद कोलकाता के सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती हैं। घोष ने दिसंबर में चिन्मय दास के लिए कानूनी मदद लेने की भरपूर कोशिश की थी। 75 वर्षीय वरिष्ठ वकील घोष ने कहा कि जब वह जमानत याचिका दायर करने गए तो अदालत के बाहर उन्हें परेशान किया गया और उन पर हमला किया गया। सुनवाई के दौरान सैकड़ों वकील अदालत कक्ष में भिड़ गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
25 नवंबर को ढाका से गिरफ्तार
इस्कॉन के पूर्व सदस्य और बांग्लादेश सम्मिलितो सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। इसे लेकर हिंदुओं ने देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, जिसमें चट्टोग्राम में एक प्रदर्शन भी शामिल था जहां सहायक सरकारी वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या हो गई थी। वकील नहीं मिलने का हवाला देते हुए एक अदालत द्वारा उनकी जमानत पर सुनवाई को 2 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया था।
अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध खराब हो गए हैं। हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों और दास की गिरफ्तारी के बाद दोनों देशों के संबंधों में और तनाव आ गया है।
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अमित कुमार मंडल author
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