बांग्लादेश में मो. युनूस सरकार का खेल, आतंकी ग्रुप के मुखिया को किया रिहा, भारत की बढ़ाई टेंशन

एबीटी भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) नामक एक आतंकवादी संगठन का सहयोगी है, जो भारत में प्रतिबंधित है। ब्लॉगर की हत्या के दोषी जशीमुद्दीन रहमानी को सोमवार को गाजीपुर के काशिमपुर हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल से पैरोल पर रिहा कर दिया गया।

आतंकी प्रमुख रिहा

मुख्य बातें
  • बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस की कार्यवाहक सरकार ने बढ़ाई भारत की चिंता
  • आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को रिहा किया
  • ये आतंकवादी समूह स्लीपर सेल की मदद से जिहादी नेटवर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है

Bangladesh Frees Terror Group Chief: बांग्लादेश में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार ने एक और ऐसा कदम उठाया है जिससे भारत की चिंता बढ़ गई है। यूनूस की कार्यवाहक सरकार ने अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को रिहा कर दिया है। रहमानी की रिहाई भारत के लिए चिंता का विषय है क्योंकि ये आतंकवादी समूह स्लीपर सेल की मदद से जिहादी नेटवर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या के आरोप में जेल में बंद रहमानी को सोमवार को पैरोल पर रिहा कर दिया गया।

पैरोल पर रिहा हुआ जशीमुद्दीन रहमानी

पिछले दिनों अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े कई आतंकियों को भारत में गिरफ्तार किया गया था। एबीटी से जुड़े दो आतंकवादियों बहार मिया और रेयरली मिया को इस साल मई में असम पुलिस ने गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। एबीटी भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) नामक एक आतंकवादी संगठन का सहयोगी है, जो भारत में प्रतिबंधित है। ब्लॉगर की हत्या के दोषी जशीमुद्दीन रहमानी को सोमवार को गाजीपुर के काशिमपुर हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल से पैरोल पर रिहा कर दिया गया। उसे बांग्लादेश के आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत भी आरोपों का सामना करना पड़ा था।

ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या का दोषी

15 फरवरी, 2013 को राजीब हैदर की हत्या के लिए रहमानी को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। हैदर की ढाका में उनके घर के सामने हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद रहमानी को अगस्त 2013 में गिरफ्तार किया गया था। शेख हसीना के शासन के दौरान 2015 में बांग्लादेश में रहमानी के एबीटी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। बाद में इसने खुद को अंसार अल-इस्लाम के रूप में फिर से ब्रांड किया, जिसे 2017 में फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया।

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