आरक्षण की आग में झुलस रहा बांग्लादेश, देश में लगा राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू; सेना ने संभाला मोर्चा

Bangladesh Reservation Protest: बांग्लादेश इस समय आरक्षण की आग में जल रहा है। आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी ढाका तथा अन्य जगहों पर हिंसा भड़क गई है। इसमें करीब 30 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और कोई अन्य घायल हुए हैं।

Curfew Imposed in Bangladesh

बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा

मुख्य बातें
  • बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा
  • हिंसा में कई लोगों के मारे जाने की खबर
  • बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शन

Curfew Imposed in Bangladesh: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने शुक्रवार को बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की और सरकारी नौकरियों (Reservation in Government Jobs) में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के बाद व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दिया। बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल कादर ने यह घोषणा की। यह घोषणा पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी और राजधानी में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद की गई। मीडिया की खबरों के अनुसार, हिंसा में कई लोग मारे गए हैं। कादर ने कहा कि नागरिक प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए सेना को तैनात किया गया है।

भारतीय छात्रों की वतन वापसी हुई शुरू

वहीं बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच भारत सरकार भी एक्शन में आ गई है। बांग्लादेश में फंसे भारतीय छात्रों की देश वापसी शुरू हो गई है।

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आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पहले जत्थे में कुल 245 भारतीय नागरिक वापस लौटे हैं। इनमें 125 भारतीय छात्र थे और 13 नेपाली छात्र थे। सरकार ने कहा है कि ढाका में भारतीय उच्चायोग और बांग्लादेश में भारतीय सहायक उच्चायोग भारतीय नागरिकों की किसी भी सहायता के लिए उपलब्ध हैं।

भारत, नेपाल और भूटान के 360 से अधिक नागरिक मेघालय पहुंचे

वहीं बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच भारत, नेपाल और भूटान के 360 से अधिक नागरिक मेघालय पहुंचे हैं, जिससे राज्य में शरण लेने वालों की संख्या 670 से अधिक हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को 363 लोग दावकी एकीकृत जांच चौकी के जरिये मेघालय पहुंचे, जिनमें 204 भारतीय, 158 नेपाली और एक भूटानी नागरिक शामिल है। अब तक मेघालय के 80 निवासी अन्य स्थानों से राज्य में लौट आए हैं। इनमें से 13 लोग शुक्रवार को अपने गृह राज्य लौटे। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच वहां रह रहे मेघालय के लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है।

हिंसा में 22 से अधिक लोग मारे गए

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें 22 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्र 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत तक का आरक्षण देने की व्यवस्था के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका तर्क है कि यह व्यवस्था भेदभावपूर्ण है और इसे योग्यता आधारित प्रणाली में तब्दील किया जाए।

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Shashank Shekhar Mishra author

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