बांग्लादेश के निशाने पर इस्कॉन, 50 भक्तों को भारत आने से रोका, क्या चाहती है यूनुस सरकार?
हिंदू साधु और इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के मामले में गिरफ्तारी के बाद इस्कॉन को बांग्लादेश में कई कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा है। इस्कॉन पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है।
बांग्लादेश में इस्कॉन पर शिकंजा
Bangladesh stops Iskcon members: भारत के लगातार विरोध के बीच इस्कॉन बांग्लादेश सरकार के निशाने पर है। मो. यूनुस की कार्यवाहक सरकार ने इस्कॉन (Iskcon) और इसके सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। अब इसके सदस्यों को भारत यात्रा से भी रोका जा रहा है। वैध यात्रा दस्तावेजों के साथ भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के दर्जनों सदस्यों को रविवार को बांग्लादेश की आव्रजन पुलिस ने बेनापोल सीमा पर वापस भेज दिया। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
54 सदस्यों को सीमा पार करने से रोका
डेली स्टार अखबार ने अपनी खबर में बेनापोल आव्रजन पुलिस के प्रभारी अधिकारी इम्तियाज अहसानुल कादिर भुइयां के हवाले से कहा कि हमने पुलिस की विशेष शाखा से परामर्श किया और उच्च अधिकारियों से निर्देश मिले कि उन्हें सीमा पार करने की अनुमति न दी जाए। भुइयां ने बताया कि इस्कॉन के सदस्यों के पास वैध पासपोर्ट और वीजा थे, लेकिन उनके पास यात्रा के लिए आवश्यक विशिष्ट सरकारी अनुमति नहीं थी। हम ऐसी मंजूरी के बिना आगे नहीं बढ़ सकते।
विभिन्न जिलों से आए श्रद्धालुओं समेत 54 सदस्य शनिवार रात और रविवार सुबह जांच चौकी पर पहुंचे। हालांकि, अनुमति के लिए घंटों इंतजार करने के बाद उन्हें बताया गया कि उनकी यात्रा अधिकृत नहीं है। इस्कॉन के एक सदस्य सौरभ तपंदर चेली ने कहा कि हम भारत में हो रहे एक धार्मिक समारोह में भाग लेने निकले थे, लेकिन आव्रजन अधिकारियों ने सरकारी अनुमति न होने का हवाला देते हुए हमें रोक दिया।
चिन्मय कृष्ण दास राजद्रोह मामले में गिरफ्तार
हिंदू साधु और इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के मामले में गिरफ्तारी के बाद इस्कॉन को बांग्लादेश में कई कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा है। उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया और जेल भेज दिया गया, जिसके बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें एक वकील की मौत हो गई। विरोध प्रदर्शनों के दौरान दो और हिंदू पुजारियों--रुद्रप्रोति केसब दास और रंगनाथ श्यामा सुंदर दास को गिरफ्तार किया गया।
क्या चाहती है यूनुस सरकार
इस विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई। हालांकि, बांग्लादेशी उच्च न्यायालय ने संगठन पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया। इस बीच बांग्लादेशी अधिकारियों ने चिन्मय कृष्ण दास सहित इस्कॉन से जुड़े 17 लोगों के बैंक खातों को 30 दिनों की अवधि के लिए फ्रीज करने का भी आदेश दे दिया। भारत ने हिंदुओं और इस्कॉन को निशाने पर लिए जाने का मुद्दा उठाया तो बांग्लादेश सरकार उल्टा भारत को अपने मामलों में दखल नहीं देने की नसीहतें देने लगा। बांग्लादेश की कार्यवाहक यूनुस सरकार ने भारत के साथ संबंधों की दुहाई देते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के संबंधों और दोस्ती पर असर पड़ सकता है। इस बीच सरकार का इस्कॉन पर शिकंजा कसने का सिलसिला लगातार जारी है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। दुनिया (World News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव ...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited