बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब 93% सरकारी नौकरियां मेरिट के आधार पर
Bangladesh Student Protest News: बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को मिलने वाले 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ छात्र कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे। अब यहां के सुप्रीम कोर्ट ने इसे खत्म करके सरकारी नौकरी में 93 प्रतिशत पदों को मेरिट के आधार पर भरने का आदेश दिया है।
बांग्लादेश छात्र आंदोलन।
Bangladesh Student Protest: बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है। यहां की शीर्ष अदालत ने सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम बरकरार रखने के हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। बांग्लादेश की शीर्ष अदालत ने रविवार को सरकारी नौकरियों में आरक्षण को घटाते हुए 93 फीसदी पद मेरिट के आधार पर भरने का आदेश दिया है।
वहीं, सात प्रतिशत पद 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में लड़ने वालों के रिश्तेदारों तथा अन्य श्रेणियों के लिए छोड़े जाएंगे। बता दें, पहले युद्ध लड़ने वालों के रिश्तेदारों के लिए नौकरियों में 30 प्रतिशत तक आरक्षण था। इसके अलावा 10 प्रतिशत पिछड़े प्रशासनिक जिलों के लिए, 10 प्रतिशत महिलाओं, 5 प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यक समूहों और 1 प्रतिशत विकलांग लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था थी।
30 प्रतिशत कोटे के खिलाफ हो रहा था प्रदर्शन
बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को मिलने वाले 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ छात्र कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे। यह प्रदर्शन बेकाबू होता जा रहा था और कई लोगों की जान भी चली गई। बता दें, बांग्लादेश में हर साल करीब 3 हजार सरकारी नौकरियां निकली हैं, जिनके लिए करीब 4 लाख उम्मीदवार आवेदन करते हैं।
अब तक करीब 103 लोगों की मौत
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर कई दिन से प्रदर्शन हो रहे थे और हालात बिगड़ने पर शनिवार को पूरे देश में कठोर कर्फ्यू लगा दिया गया। सैन्य बलों ने राष्ट्रीय राजधानी ढाका के विभिन्न हिस्सों में गश्त की। बांग्लादेशी अधिकारियों ने मृतकों और घायलों की कोई आधिकारिक संख्या साझा नहीं किया है, लेकिन समाचार दैनिक प्रोथोम अलो में शनिवार को प्रकाशित एक खबर में बताया गया कि अब तक कम से कम 103 लोग मारे गए हैं।
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