कोलकाता दुष्कर्म एवं हत्या मामले को लेकर बांग्लादेश में हल्ला-बोल, छात्रों ने निकाला 'आवाज टोलो नारी' मार्च
Kolkata Rape & Murder Case: कोलकाता में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बर्बरता मामले को लेकर देशभर में उबाल है। जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा की मांग की जा रही है। इस बीच, बांग्लादेश में भी इसका असर दिखाई दे रहा है।
कोलकाता दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर देशभर में हो रहे प्रदर्शन
मुख्य बातें
- कोलकाता मामले को लेकर देशभर में आक्रोश।
- जगह-जगह हो रहे विरोध प्रदर्शन।
- ढाका के छात्रों ने भी दिखाई एकजुटता।
Kolkata Rape & Murder Case: कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर देशभर के लोगों में आक्रोश दिखाई दे रहा है। जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और अब इसका असर संकटग्रस्त बांग्लादेश में भी दिखाई दे रहा है। बांग्लादेश के छात्रों ने ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बर्बरता को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
ढाका में छात्रों का प्रदर्शन
बकौल ढाका ट्रिब्यून अखबार, ढाका के छात्रों ने 'आवाज टोलो नारी' (महिलाओं अपनी आवाज उठाओ) के बैनर तले आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। ढाका विश्वविद्यालय में राजू मूर्तिकला के बाद छात्रों का हुजूम दिखाई दिया। इस दौरान महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा भी हुई।
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'सख्ती से लागू हो कानून'
बकौल रिपोर्ट, भौतिकी विभाग की छात्रा रहनुमा अहमद नीरेट ने कहा कि हम बंगाल में दुष्कर्म और हत्या के मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन के रवैये से अवगत हैं। महिलाओं के तौर पर प्रशासन से हमारी मांग है कि अधिकतम कानूनी सहायता मुहैया कराई जाए, कानून को सख्ती से लागू करें और तत्काल फैसला हो।
'मामले की हो सार्वजनिक सुनवाई'
वहीं, मानव विज्ञान विभाग की एक छात्रा आन्या फहमीन ने कहा कि दुनियाभर में महिलाओं को दुष्कर्म का सामना करना पड़ता है और हम कोलकाता में आर जी कर अस्पताल मामले में निष्पक्ष जवाबदेही के लिए चल रहे आंदोलन का पूरा समर्थन करते हैं। साथ ही उन्होंने दुष्कर्म और हत्या के मामले की सार्वजनिक सुनवाई की मांग की।
जहांगीरनगर विश्वविद्यालय की एक छात्रा लमिशा जहान ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले सभी अपराधों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पिछले मामलों में पीड़ितों के नाम सार्वजनिक किए गए, जबकि आरोपियों के नाम अक्सर छिपे रहते हैं। कभी-कभी इन मामलों को सरकार या सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा दबा दिया जाता है। अब हमें महिलाओं के खिलाफ होने वाले सभी अपराधों के खिलाफ अपनी आवाज उठानी चाहिए।
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अनुराग गुप्ता author
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