बांग्लादेशी अमेरिकियों ने ट्रंप से लगाई अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की गुहार, चिन्मय दास को भी रिहा करने की मांग

ट्रंप से भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह करते हुए समूह ने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथ की ओर बढ़ने का खतरा है, जिसका न केवल दक्षिण एशिया बल्कि पूरे विश्व पर दूरगामी प्रभाव हो सकता है।

बांग्लादेशी अमेरिकियों की ट्रंप से मांग

Hindu in Bangladesh: बांग्लादेश में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ चल रहे अत्याचारों को इस्लामी ताकतों से अस्तित्व के लिए खतरा बताते हुए बांग्लादेशी अमेरिकी हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों के गठबंधन ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हस्तक्षेप करने और मदद करने का आग्रह किया है। इन्होंने ट्रंप से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा करने की अपील की है। ट्रंप से भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह करते हुए, समूह ने रविवार को कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथ की ओर बढ़ने का खतरा है, जिसका न केवल दक्षिण एशिया बल्कि पूरे विश्व पर दूरगामी प्रभाव हो सकता है।

चिन्मय दास की रिहाई की मांग

समूह ने चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की भी मांग की है। इस्कॉन के पूर्व नेता चिन्मय दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। चट्टोग्राम की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया। उन पर देश के झंडे का अपमान करने के लिए देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। मामले में सुनवाई 2 जनवरी 2025 को होगी।

क्या-क्या मांगें

ट्रंप को संबोधित एक ज्ञापन में समूह ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में बांग्लादेश की भागीदारी को आंतरिक जातीय और धार्मिक उत्पीड़न की समाप्ति से जोड़ने का सुझाव दिया। ज्ञापन में अल्पसंख्यकों और स्वदेशी समूहों को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने के लिए एक व्यापक अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम का भी प्रस्ताव दिया गया है। एक मीडिया विज्ञप्ति के अनुसार, प्रमुख सिफारिशों में सुरक्षित परिक्षेत्रों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग निर्वाचन क्षेत्र और धार्मिक प्रथाओं और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए घृणा अपराधों और घृणा भाषण के खिलाफ कानून शामिल हैं।

End Of Feed