बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच नेतन्याहू बोले-हमें कोई नहीं रोक सकता, हमास के खात्मे तक लड़ाई जारी रहेगी

Israel Hamas War : महासभा के आपातकालीन विशेष सत्र में मिस्र द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को मंगलवार को अभूतपूर्व समर्थन से पारित किया गया। वैश्विक निकाय के 193 सदस्यों में से 153 सदस्यों ने प्रस्ताव के समर्थन में और 10 सदस्य देशों ने इसके विरोध में मतदान किया जबकि 23 अन्य सदस्य अनुपस्थित रहे।

Israel Hamas War

नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल पर काम नहीं करगा अंतरराष्ट्रीय दबाव।

Israel Hamas War : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट रूप से कहा है कि गाजा में उनकी लड़ाई जारी रहेगी। सीजफायर के लिए बनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय दबाव इजरायल के इरादों को कमजोर नहीं कर सकते। नेतन्याहू ने कहा, 'हमारी लड़ाई हमास के अंत तक जारी रहेगी। सीजफायर का कोई सवाल ही नहीं उठता। गहरी पीड़ा एवं अंतरराष्ट्रीय दबावों को देखते हुए यह बात मैं कह रहा हूं। हमें कोई रोक नहीं सकता। हम हमास के खात्मे एवं जीत होने तक लड़ेंगे। इससे कम हमें कुछ भी मंजूर नहीं।'

इजरायल ने कहा-हमास ने घात लगाकर मारे उसके 9 सैनिक

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गाजा में तत्काल सीजफायर लागू करने एवं बंधकों की रिहाई के लिए मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया। इसके एक दिन बर नेतन्याहू का यह बयान आया है। इस बीच, इजरायल ने कहा है कि गाजा में जमीनी हमले शुरू करने के बाद उसकी सेना को सबसे भीषण हमले का सामना करना पड़ा है। हमास की ओर से घात लगाकर किए गए हमले में उसके नौ सैनिक मारे गए।

153 सदस्यों ने प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया

महासभा के आपातकालीन विशेष सत्र में मिस्र द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को मंगलवार को अभूतपूर्व समर्थन से पारित किया गया। वैश्विक निकाय के 193 सदस्यों में से 153 सदस्यों ने प्रस्ताव के समर्थन में और 10 सदस्य देशों ने इसके विरोध में मतदान किया जबकि 23 अन्य सदस्य अनुपस्थित रहे। अल्जीरिया, बहरीन, इराक, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और फलस्तीन भी इस प्रस्ताव के प्रायोजकों में शामिल रहे। इस प्रस्ताव में गाजा में मानवीय मदद की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तत्काल युद्ध विराम की मांग की गई। इस प्रस्ताव में यह मांग दोहराई गई कि सभी पक्ष ‘विशेष रूप से नागरिकों की सुरक्षा के संबंध में’ अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करें।

भारत ने संशोधन के पक्ष में मतदान किया

प्रस्ताव में ‘सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के साथ-साथ मानवीय मदद की आपूर्ति सुनिश्चित करने’ की भी मांग की गई। प्रस्ताव में हमास का नाम नहीं लिया गया और अमेरिका ने मसौदा प्रस्ताव में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया। उसने मुख्य पाठ में यह पैरा शामिल किए जाने का अनुरोध किया कि ‘सात अक्टूबर 2023 से इजरायल में हुए हमास के जघन्य आतंकवादी हमलों और लोगों को बंधक बनाए जाने की स्पष्ट रूप से निंदा की जाती है और इन्हें खारिज किया जाता है।’ भारत ने इस संशोधन के पक्ष में मतदान किया था।

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