अमेरिका के भारत को प्रीडेटर ड्रोन बेचने की प्रक्रिया पड़ी धीमी, क्या पन्नू मामला तूल पकड़ने के बाद पड़ा असर?

करोड़ों रुपये के सौदे पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है लेकिन उन्होंने इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी कि ड्रोन खरीद को कब तक अंतिम रूप दिया जाएगा।

भारत-यूएस ड्रोन डील

US-India drone deal: अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने अंतर-सरकारी ढांचे के तहत भारत को तीन अरब डॉलर के 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर सशस्त्र ड्रोन बेचने की अपनी योजना के बारे में संसद को अभी तक सूचित नहीं किया है। मामले से जुड़े लोगों ने बुधवार को यह जानकारी दी। ऐसी जानकारी है कि भारत और अमेरिका इस प्रस्तावित समझौते में कीमत समेत विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रहे हैं लेकिन सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश को लेकर अमेरिका द्वारा भारत पर आरोपों के बाद यह वार्ता प्रक्रिया धीमी हो गई है।

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गुरपतवंत मामले का असर

अमेरिका दूतावास के प्रवक्ता क्रिस एल्म्स ने से कहा, हम अमेरिकी कांग्रेस के साथ ऐसे हथियार बिक्री निर्णयों पर मार्गदर्शन करने वाली मानक प्रक्रियाओं और नीतियों के अनुरूप संभावित बिक्री पर चर्चा करना जारी रखेंगे। उनकी यह प्रतिक्रिया मीडिया में आयी उस खबर के बारे में पूछने पर आई है कि अमेरिका ने पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश की व्यापक जांच कराने तक उसे ड्रोन बेचने पर रोक लगा दी है। भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि करोड़ों रुपये के सौदे पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है लेकिन उन्होंने इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी कि ड्रोन खरीद को कब तक अंतिम रूप दिया जाएगा।

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तीन अरब अमेरिकी डॉलर का सौदा

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