वाशिंगटन में रूस को घेरने के लिए जुटे नाटो के 32 देश, यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम देगा अमेरिका
NATO Meeting : नाटो का गठन 1949 में यूएसएसआर (आज के रूस) के बढ़ते प्रभुत्व एवं दबदबे को कम करने के उद्देश्य से हुआ। तब से लेकर नाटो रूस के खिलाफ काम करता आया है। यूक्रेन नाटो का सदस्य बनना चाहता है लेकिन रूस इसका विरोध कर रहा है।
नाटो के गठन के हुए 75 साल।
मुख्य बातें
- नाटो के गठन के 75 साल पूरे होने पर वाशिंगटन में बैठक हो रही है
- अमेरिका की अगुवाई में हो रही इस बैठक में 32 देश शामिल हुए
- अमेरिका ने कहा है कि रूस से लड़ने के लिए वह यूक्रेन को हथियार देगा
NATO Meeting : नाटो के सदस्य देशों की बैठक अमेरिक की अगुवाई में वाशिंगटन में हो रही है। 32 देशों के इस संगठन पर पूरी दुनिया की नजर है। खासकर, रूस को घेरने और उस पर अपनी नकेल और कसने के लिए नाटो कोई नई रणनीति बना सकता है। बैठक के बीच बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि वह रूस की मिसाइलों से बचाव के लिए पांच नई वायु रक्षा प्रणाली देंगे। बाइडेन ने यह घोषणा बैठक में सदस्य देशों को संबोधित करते हुए की। जाहिर है कि अमेरिका की यह घोषणा रूस को भड़काने वाली है।
यूक्रेन को मिलेंगी पैट्रियट मिसाइलें
हाल के दिनों में रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं। वह मिसाइलों से यूक्रेन में अलग-अलग जगहों को निशाना बना रहा है। इन हमलों में नागरिक और बच्चे हताहत हो रहे हैं। दो दिन पहले रूस की ओर से दागी गई मिसाइल कीव के एक अस्पताल पर गिरी। बताया जा रहा है कि इस हमले में तीन बच्चों सहित 43 लोगों की मौत हुई। शहर के मेयर ने कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद अब तक के सबसे घातक हमलों में से यह एक था। बाइडेन ने कहा कि उनका देश जर्मनी, इटली और नीदरलैंड के साथ मिलकर यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइलें और अन्य हथियार देगा।
NATO Meeting
यूक्रेन के पास प्रभावी वायु रक्षा प्रणाली नहीं
बता दें कि रूस की मिसाइलों से बचाव के लिए यूक्रेन के पास कोई प्रभावी वायु रक्षा प्रणाली नहीं है, जो हैं भी वे उतनी कारगर नहीं हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की लंबे समय से पश्चिमी देशों से वायु रक्षा प्रणाली देने की मांग कर रहे हैं। मंगलवार को बाइडेन ने कहा कि 'यह युद्ध समाप्त होगा और यूक्रेन एक आजाद देश होगा। इस युद्ध में रूस की नहीं यूक्रेन की जीत होगी।'
नाटो में शामिल हैं 32 देश
अल्बानिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, क्रोएशिया, चेचिया, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लाटविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, मांटेनेग्रो, नीदरलैंड, नॉर्थ मैसिडोनिया, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, तुर्किये, ब्रिटेन और अमेरिका। नाटो का गठन 1949 में यूएसएसआर (आज के रूस) के बढ़ते प्रभुत्व एवं दबदबे को कम करने के उद्देश्य से हुआ। तब से लेकर नाटो रूस के खिलाफ काम करता आया है।
NATO Summit
यूक्रेन नाटो का सदस्य बनना चाहता है लेकिन रूस इसका विरोध कर रहा है। रूस को लगता है कि इस समूह में यूक्रेन के शामिल हो जाने पर नाटो उसके बहुत करीब आ जाएगा। नाटो के 75 साल पूरे होने के मौके पर यह बैठक हो रही है।
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
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