IMF के कड़वे डोज से कंगाल पाकिस्तान का इलाज ! शहबाज शरीफ का क्या होगा

पाकिस्तान इस समय विचित्र दौर से गुजर रहा है। अगर शहबाज शरीफ सरकार ने आईएमएफ की शर्तों को माना तो भी मुश्किल और अगर नहीं माना तो श्रीलंका बनने से कोई रोक भी नहीं सकता।

शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के पीएम

इस समय पाकिस्तानी रुपए की कीमत एक डॉलर के मुकाबले 275 के पार है। पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा का भंडार 3.1 बिलियन डॉलर से कम है। यानी कि पाकिस्तान बाहरी मुल्कों से सिर्फ 18 दिन आयात करने में सक्षम है। अगर उसे किसी और मुल्क से मदद नहीं मिली तो जो जहां जैसे है सब कुछ ठहर जाएगा। यानी कि पाकिस्तान का हाल वही होगा जो श्रीलंका का हुआ। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ इस समय अपनी पूर्व की सरकार को कोस रहे हैं तो दूसरी तरफ मदद की गुहार लगा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा को दिल थोड़ा पसीजा लेकिन उसकी शर्तों को शहबाज के लिए मानना आसान नहीं है। पाकिस्तानी साख को बनाए और बचाए रखने के लिए आईएमएफ की तरफ से कड़वा डोज पाकिस्तान को लेना होगा। इसका मतलब यह है कि अवाम के विरोध को भी झेलना होगा। अब सवाल यह है कि वो शर्ते कौन सी हैं।

IMF की शर्तें में

बजट घाटे को कम करना,

राजस्व को बढ़ाना,

बिजली- पेट्रोलियम की सब्सिडी को समाप्त करना

End Of Feed