BRICS :'आतंकवाद और टेरर फंडिंग विश्व की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा', BRICS की बैठक में बोले NSA अजीत डोभाल

BRICS: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बुधवार को रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव द्वारा आयोजित ब्रिक्स एनएसए की लंच बैठक में भाग लिया। बैठक के दौरान, उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में घनिष्ठ सहयोग और सीमा पार योजना, वित्त पोषण और आतंकवादी कृत्यों के कार्यान्वयन को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई का आह्वान किया।

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आतंकवाद दुनिया के लिए बड़ा खतरा- NSA अजीत डोभाल

BRICS: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने बुधवार को जोर देकर कहा कि भारत आतंकवादियों तथा अपराधियों द्वारा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए सहयोग जारी रखेगा। सेंट पीटर्सबर्ग में 'सुरक्षा मामलों के लिए जिम्मेदार उच्च पदस्थ अधिकारियों की 12वीं अंतरराष्ट्रीय बैठक' के पूर्ण सत्र में बोलते हुए एनएसए डोभाल ने समावेशी आर्थिक विकास के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की भारत की नीति को भी रेखांकित किया। उन्होंने सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खुले, स्थिर, विश्वसनीय और समावेशी ढांचे के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया।

आतंकी फंडिंग का मुकाबला करने के लिए भारत सहयोग रखेगा जारी- डोभाल

'बहुकेंद्रीय दुनिया में सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करना' विषय पर पूर्ण सत्र में बोलते हुए एनएसए डोभाल ने ऐसे सहयोग के लिए एक रोडमैप रखा जिसमें सरकारों से लेकर निजी क्षेत्र, शिक्षा, तकनीकी समुदायों और नागरिक समाज तक सभी हितधारक शामिल हों। उन्होंने महत्वपूर्ण मुद्दों की आम समझ विकसित करने में मदद के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग के लिए तंत्र के निर्माण; प्रशिक्षण, शिक्षा, जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए समान विचारधारा वाले देशों के क्षमता निर्माण; और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए सुरक्षा मानकों के विकास के लिए नियमित संस्थागत संवाद आयोजित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। साथ ही उन्होंने सहयोग के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तंत्र निर्माण की भी वकालत की।

एनएसए ने इस बात पर जोर दिया कि भारत आतंकवादियों और अपराधियों द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग को रोकने के साथ-साथ आतंकी फंडिंग का मुकाबला करने के लिए भी सहयोग जारी रखेगा। कार्यक्रम से इतर एनएसए ने म्यांमार की मौजूदा स्थिति और पड़ोसी देश में भारत द्वारा वित्त पोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर अपने म्यांमार के समकक्ष एडमिरल मो आंग के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।

रूस में भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, 'उन्होंने भारत-म्यांमार सीमा पर हाल के घटनाक्रमों पर भी चर्चा की, जिसमें सुरक्षा, शरणार्थी, विकास परियोजनाओं आदि से संबंधित मुद्दे शामिल थे।' तीन दिवसीय बैठक में 106 देशों के सुरक्षा परिषदों के सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सहायक, उप प्रधानमंत्री, सुरक्षा बलों और खुफिया सेवाओं के प्रमुखों के अलावा10 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। एनएसए डोभाल ने बुधवार को रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव से भी बातचीत की। पूर्ण सत्र की शुरुआत करते हुए पेत्रुशेव ने कहा कि रूस एक निष्पक्ष विश्व व्यवस्था के निर्माण की रक्षा करना जारी रखेगा जो समानता के सिद्धांतों और सांस्कृतिक और सभ्यतागत पहचान के सम्मान के आधार पर अधिकांश देशों के हितों को पूरा करती है।

इससे पहले दिन में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रतिभागियों को वर्चुअली संबोधित किया और कहा कि अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद 21वीं सदी के सबसे गंभीर खतरों में से एक बना हुआ है, क्योंकि आतंकवादी तेजी से जटिल और बर्बर होते जा रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले आतंकवादी हमलों के पीछे के उद्देश्य न केवल कट्टरपंथी समूहों द्वारा संचालित होते हैं, बल्कि इसमें कुछ देशों की खुफिया सेवाएं भी शामिल होती हैं। उनका उद्देश्य संवैधानिक नींव को कमजोर करना और संप्रभु देशों को अस्थिर करना, अंतरजातीय और अंतरधार्मिक कलह को बढ़ावा देना है।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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