अब इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी पर भी लटकी गिरफ्तारी की तलवार, अदालत से मिली अग्रिम जमानत
इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और उनके करीबी सहयोगी जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान अल-कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट ट्रस्ट में शामिल हैं।
इमरान की पत्नी बुशरा बीबी
अल कादिर मामला एक यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ मामला है। इसमें करोड़ों रुपये के घपले का आरोप। इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और उनके करीबी सहयोगी जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान अल-कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट ट्रस्ट में शामिल हैं। दस्तावेजों से पता चलता है कि इमरान खान, बुशरा बीबी, बुखारी और अवान ने झेलम की सोहावा तहसील में अल-कादिर विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए ट्रस्ट का गठन किया था। दस्तावेजों में कहा गया है कि ट्रस्टियों ने रियल एस्टेट कारोबार में शामिल एक निजी कंपनी से दान प्राप्त करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। कंपनी ने ट्रस्ट को 458 कनाल, 4 मरला, 58 वर्ग फीट जमीन आवंटित की। कागजी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए, बुशरा बीबी ने मार्च 2019 से प्रभावी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
इमरान को मिला 14 लाख का नोटिस
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सोमवार को पंजाब प्रांत की सरकार की ओर से उनके लाहौर आवास के लिए 14 लाख पाकिस्तानी रुपये का भारी भरकम कर नोटिस मिला। मीडिया ने इस बारे में खबर दी है। जियो न्यूज की खबर के अनुसार, उत्पाद शुल्क और कराधान विभाग द्वारा इमरान को उनके जमान पार्क निवास के लिए 14,40,000 रुपये के भुगतान को लेकर जारी नोटिस के अनुसार उन्हें सोमवार तक इस राशि का भुगतान करना है जबकि इसे जमा करने की आखिरी तारीख 12 मई थी। इमरान खान वर्तमान में जमान पार्क निवास में रहते हैं।
प्रांतीय कर संग्रह प्राधिकरण ने कहा कि खान से पिछले महीने घर का एक दस्तावेज मांगा गया था जिसे उन्होंने जमा करा दिया है और इसके मूल्यांकन के बाद उन्हें यह भारी भरकम कर चालान भेजा गया। खबर के मुताबिक, खान ने अपने कर का नियमित रूप से भुगतान किया है, लेकिन अगर वह इस बार ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें कानून के अनुसार एक और नोटिस भेजा जाएगा। खबर के अनुसार, जमान पार्क में पीटीआई प्रमुख के पुराने घर को ध्वस्त कर उसके स्थान पर नए आवास का निर्माण किया गया था, जिसका स्वामित्व उनके और उनकी बहनों के पास है।
शिरीन मजारी फिर गिरफ्तार
वहीं, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की करीबी सहयोगी शिरीन मजारी को एक अदालत के आदेश पर जेल से रिहा किए जाने के कुछ घंटे बाद सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ ने किसी मामले में मजारी की आवश्यकता न होने पर उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया था। मजारी (57) ने 2018 से 2022 तक खान की सरकार में मानवाधिकार मंत्री के रूप में कार्य किया था।
उनके वकील अहसान पीरजादा ने कहा कि रावलपिंडी की आदियाला जेल से रिहा होने के कुछ ही देर बाद पंजाब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पीरजादा ने ट्वीट किया, 10 दिन में यह चौथी बार है जब मजारी को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने लिखा, हमें नहीं पता कि वे उन्हें कहां ले गए हैं। यह दूसरी बार है जब अदालत द्वारा रिहाई का आदेश दिए जाने के तुरंत बाद उन्हें आदियाला जेल के बाहर से गिरफ्तार किया गया है।
हिंसा को लेकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के खिलाफ कार्रवाई शुरू होने के बाद 12 मई को इस्लामाबाद में मजारी को गिरफ्तार किया गया था। मजारी की बेटी ईमान मजारी-हजीर ने उनकी गिरफ्तारी को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि मजारी को किसी भी मामले में नामजद नहीं होने पर मुक्त किया जाना चाहिए और पूर्व मंत्री को उपायुक्त को एक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया कि वह भविष्य में ऐसी किसी भी विघटनकारी गतिविधि में शामिल नहीं होंगी।
मजारी की बेटी ने मीडिया को बताया कि पूर्व मंत्री को हफ्ते में तीन बार गिरफ्तार किया गया लेकिन अदालत ने अपने फैसले में उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को सोचना चाहिए और इस तरह घरों को बर्बाद नहीं करना चाहिए। मजारी-हजीर ने 70 वर्षीय खान पर भी यह कहते हुए निशाना साधा कि यह अफ़सोस की बात है कि पार्टी प्रमुख इमरान खान कार्यकर्ताओं और नेताओं को भूल गए हैं।
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