भारत से पंगा लेकर कंगाल हुआ कनाडा, NATO में भी घट गया रुतबा
कनाडा और उसके प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत में वांछित खालिस्तानी आंतकवादियों को पनाह देने में लगे हुए हैं और देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। इधर नाटो में भी कनाडा का योगदान काफी कम हो गया है और यह सबसे कम योगदान वाले देशों में शामिल है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
वाशिंगटन : नाटो का गठन USSR के दबदबे से लड़ने के लिए किया गया था। बाद में जब USSR टूटा तो यह संगठन रूस के खिलाफ खड़ा रहा और आज भी खड़ा है। अमेरिका के नेतृत्व वाले इस संगठन में उसके पड़ोसी देश कनाडा की अहम भूमिका रही है। लेकिन हाल के समय में कनाडा और उनके प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का पूरा ध्यान भारत से पंगा लेने में लगा रहा। कनाडा लागातार भारत से भागे हुए खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह दे रहा है। इसको लेकर भारत सरकार ने चिंता भी जाहिर की है। हालांकि, इसका असर कनाडा पर भी दिखने लगा है। उसकी अर्थव्यवस्था लगातार नीचे की ओर जा रही है। इस बीच खबर है कि कनाडा 32 सदस्यीय नाटो में सबसे कम योगदान देने वाले देशों में शामिल हो गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में आयोजित हो रहे नाटो शिखर सम्मेलन (NATO Summit) की पूर्व संध्या पर सोमवार को एक प्रमुख अमेरिकी मीडिया संगठन ने यह जानकारी दी है।
प्रमुख अमेरिकी मीडिया संगठन ‘पॉलिटिको’ ने कहा, ‘पिछले कई वर्षों में ओटावा 32 सदस्यीय गठबंधन में सबसे कम योगदान देने वाले देशों में से एक बन गया है। वह घरेलू सैन्य खर्च के लक्ष्यों को पूरा करने में नाकाम रहा है, नए उपकरण खरीदने के लिए वित्त पोषण देने में नाकाम रहा है और उसके पास इस संबंध में कोई योजना भी नहीं है।’
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो इस साल के नाटो के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए वाशिंगटन पहुंच गए हैं, जिसकी औपचारिक शुरुआत आज यानी मंगलवार को होगी। ट्रुडो के कार्यालय ने बताया कि यहां बैठकों के दौरान वह पूरे यूरोप में नाटो के सामूहिक रक्षा प्रयासों में कनाडा के योगदानों पर प्रकाश डालेंगे।
‘पॉलिटिको’ ने कहा कि नाटो के 12 संस्थापक सदस्यों में से एक कनाडा ने रक्षा पर दो प्रतिशत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) खर्च करने के संकल्प पर 2014 में हस्ताक्षर किए थे। नाटो सदस्यों की इस लक्ष्य को हासिल करने में धीमी प्रगति रही है, लेकिन इस साल 32 में से 23 नाटो सदस्य रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की योजनाओं को लेकर गठबंधन की पूर्वी सीमा पर बढ़ते खतरे के मद्देनजर इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
‘पॉलिटिको’ के अनुसार, नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान उसके सदस्य कनाडा पर और अधिक नकदी जुटाने पर जोर दे सकते हैं। मीडिया संगठन ने विदेश विभाग के एक पूर्व अधिकारी मैक्स बर्गमैन के हवाले से कहा, ‘अब क्या हो रहा है कि हर कोई अधिक खर्च कर रहा है, जबकि कनाडा कोशिश भी नहीं कर रहा है।’
- भाषा (PTI)
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Digpal Singh author
खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें
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