India vs China Defence Budget: 'ड्रैगन' ने फिर बढ़ाया रक्षा बजट, जानें सेना पर कितना खर्च करता है भारत, चीन और अमेरिका

US vs India vs China Defence comparison: क्या आप जानते हैं कि दुनिया का कौन सा देश अपनी सेना पर सबसे अधिक खर्च करता है? चीन ने अपने रक्षा बजट में 7.2 फीसदी की वृद्धि करने की घोषणा की है। रक्षा बजट के मामले में अमेरिका दुनिया में नंबर 1 है। वहीं भारत का रक्षा बजट 78 अरब डॉलर है।

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चीन ने फिर बढ़ाया रक्षा बजट।

China Increased Defence Budget 2024: चीन ने मंगलवार को अपने रक्षा बजट में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा की है जो पहले ही दुनिया का दूसरा सबसे अधिक रक्षा बजट है। अमेरिका, ताइवान, जापान और दक्षिण चीन सागर पर दावा जताने वाले पड़ोसी देशों के साथ तनाव को ‘हाई-टेक’ सैन्य प्रौद्योगिकियों में वृद्धि की वजह माना जा रहा है जिसमें स्टील्थ लड़ाकू विमान से लेकर विमानवाहक पोत और परमाणु हथियारों के शस्त्रागार में वृद्धि शामिल है।

सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर चीन का खास ध्यान

चीन की विधायिका की वार्षिक बैठक के उद्घाटन सत्र में मंगलवार को घोषित किए बजट के आधिकारिक आंकड़ों को कई विदेशी विशेषज्ञ सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य इकाई पीपुल्स लिबरनेशन आर्मी द्वारा किए खर्च का केवल एक अंश मानते हैं। प्रधानमंत्री ली क्विंग ने मंगलवार को सुरक्षा तथा अर्थव्यवस्था के संबंध में सरकार की योजनाओं और प्रदर्शन पर एक वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि इस साल के लिए चीन का आर्थिक वृद्धि लक्ष्य करीब पांच प्रतिशत है।

दुनिया में किस देश का है सबसे ज्यादा रक्षा बजट?

जानकारी के अनुसार दुनिया में सबसे अधिक रक्षा बजट अमेरिका का है। पिछले वर्ष के आंकड़ों के अनुसार सुपरपावर के नाम से मशहूर इस देश ने डिफेंस पर 886 बिलियन डॉलर खर्च पर हस्ताक्षर किया था। रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया था कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 886 बिलियन डॉलर के अमेरिकी रक्षा नीति विधेयक पर हस्ताक्षर किया था।

चीन और भारत में कितना है रक्षा बजट?

चीन ने अपने रक्षा बजट में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा की है। इस वृद्धि के साथ ही इस देश का रक्षा बजट करीब 232 अरब डॉलर पहुंच गया है। वहीं साल 2023-24 में भारत का रक्षा बजट 78 अरब डॉलर (6.21 लाख करोड़ रुपये) रखा गया है।

कोविड के बाद चीन की स्थिति पर पड़ा बुरा असर

सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए उपभोक्ता खर्च बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दे रही है। आवासीय दरों में गिरावट और नौकरियों को लेकर चिंता के कारण कई परिवार अधिक खर्च करने से बच रहे हैं या खर्च करने में सक्षम नहीं हैं। पिछले साल अर्थव्यवस्था में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी लेकिन यह 2022 में तीन प्रतिशत की बहुत कम दर की वार्षिक वृद्धि के बाद हुई थी जब देश में कोविड-19 महामारी के कारण कई बाधाएं आयी थीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नेतृत्व नीतियों के प्रबंधन में सुधार लाने का प्रयास करेगा। ली बीजिंग के ‘ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल’ में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के करीब 3,000 प्रतिनिधियों और एक समानांतर सलाहकार निकाय के करीब 2,000 सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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