चीन की मंशा में झोल, सीसीटीवी के जरिए हम सबके घरों में कर रहा है तांकझांक !

क्या चीन हम सबके घरों में ताकझांक कर रहा है। दरअसल ब्रिटेन सरकार के आदेश के बाद चीनी कंपनियों द्वारा निर्मित सीसीटीवी इंस्टाल करने पर रोक लग गई है। अगर बात भारत की करें तो ज्यादातर संस्थानों में चीनी सीसीटीवी सुरक्षा के मकसद से लगाए गए हैं।

हमारे यहां डेटा प्राइवेसी(Data Privacy) की बातें तो खूब होती हैं। भले ही आम लोगों को उतना फर्क नहीं पड़ता। लेकिन अगर मैं आपसे कहूं कि आप अपने घर में, अपने दफ्तर में, अपने पार्क में, अपने मोहल्ले में, जो कुछ कर रहे हैं, जो कुछ कह रहे हैं, वो सब रिकॉर्ड होकर चाइना पहुंच रहा है, तो ये सुनकर आपके कान खड़े हो जाने चाहिए।अक्सर आपने देखा होगा कि जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं, वहां ये लिखा होता है कि you are under cctv surveillance यानी आप सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में हैं। लेकिन अब मैं जो आपको बताने जा रहा हूं, उसके बाद आप कहेंगे कि you are under China surveillance यानी आप चीन की निगरानी में हैं। हाल में ब्रिटेन में वहां की सरकार ने सरकारी दफ्तरों को चेतावनी दी है कि संवेदनशील जगहों में चीन की कंपनियों के बने CCTV कैमरे ना लगाए जाएं। अधिकारियों से कहा गया है कि वो इस बात पर विचार करें कि जो सीसीटीवी कैमरे पहले से लगे हैं वो भी कैसे हटाए जा सकते हैं। अधिकारियों से ये भी कहा गया है कि वो ये देखें कि कहीं इन CCTV कैमरों का सिस्टम सरकारी विभाग के कोर नेटवर्क से तो नहीं जुड़ा हुआ है।

चीनी सीसीटीवी हटाने के आदेश

ब्रिटेन की सरकार के इस नए आदेश का असर ये हुआ है कि ब्रिटेन के Department for Work and Pensions ने चीन की कंपनी के CCTV कैमरे अपनी बिल्डिंग से हटा दिए। Department for Health and Social Care ने चीन की कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल कर दिया। ब्रिटेन की सरकार की तरफ से ये भी कहा गया है कि वो china made मौजूदा CCTV कैमरों को हटाने पर भी विचार कर रही है। और फिलहाल ऐहतियात के तौर पर ये स्टेप लिया गया है कि अब जो CCTV कैमरे लेगेंगे वो चीन की कंपनियों के ना हो।अब आप कहेंगे कि ये तो ब्रिटेन का मामला है इससे हमारा क्या लेना देना। लेकिन इससे आपका भी लेना देना कैसे है। ये मैं आगे जब आपको बताउंगा तो आपको जोर का झटका लगेगा। लेकिन पहले ब्रिटेन की बात कर लेते हैं। ब्रिटेन की सरकार ने ये कहते हुए चीन की कंपनियों पर रोक लगाई क्योंकि उन्हें इस बात की आशंका है कि चीन अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में है।
  • इन कैमरों के जरिये चीन ब्रिटेन की जासूसी कर सकता है
  • चीन के बने कैमरे ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं
  • जिन चीन की कंपनियों पर ब्रिटेन को शक उसमें से चीन की दो कंपनियों के नाम लिए जा रहे हैं, एक Hikvision and Dahua
  • ब्रिटेन की संसद, सरकारी दफ्तर, सड़कें, पुलिस स्टेशन, कॉलेज, अस्पतालों में ज्यादातर Hikvision कंपनी के ही कैमरे लगे हैं
  • एक अनुमान के मुताबिक ब्रिटेन में Hikvision के 13 लाख कैमरे लगे हैं
  • ब्रिटेन के 60 % सरकारी दफ्तरों में, 73 % लोकल अथॉरिटी के दफ्तरों में, 35 % पुलिस स्टेशन में और 63% स्कूलों में चीन की कंपनियों के लिए CCTV लगे हैं

चीनी कंपनियां क्यों है शक के दायरे में

लेकिन सवाल ये है कि चीन की कंपनियों पर ही शक क्यों है। चीन में सबकुछ जिनपिंग के कंट्रोल में है, इसलिए ये मानकर चलिए कि चीन में प्राइवेट कंपनियों पर भी चीन की सरकार का अधिकार होता है। Hikvision में तो चीन की सरकारी कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी है, ऐसे में ये विश्वास करना ही नामुमकिन है कि इस कंपनी में चीन की सरकार की दखलअंदाजी ना हो।ब्रिटेन के biometrics and surveillance camera commissioner फ्रांसर सैंपसॉन के मुताबिक - चीन की इन कंपनियों पर चीन की सरकार का कंट्रोल है, ये कंपनियां चीन के data sharing कानून से बंधी हुई हैं। चीन में कानून के मुताबिक जो भी कंपनियां visual surveillance systems बना रही हैं, उन्हें चीन के कानून के मुताबिक चीन की सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करना होगा । फ्रांसर सैंपसॉन ने बताया कि चीन का national intelligence law ये कहता है कि इन कंपनियो को चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए support, co-operate दोनों करना होगा।

मामूली नहीं हैं सीसीटीवी कैमरे

सबसे खतरनाक बात ये है कि चीन के जिन CCTV कैमरों को जासूसी कैमरा कहा जा रहा है, वो मामूली CCTV कैमरे नहीं हैं। इसी साल ब्रिटेन की एक संस्था Big brother Watch ने अपनी रिपोर्ट में कहा था किऐसे कई कैमरे लगे हैं जिसमें advanced features, जैसे microphones हैं, चेहरा और जेंडर पहचानने की तकनीक है, ये कैमरे ऐसी तकनीक से लैस हैं जो ये तक पहचान कर सकते थे कि कैमरे में जो शख्स दिख रहा है वो किस मूल का है यानी वो एशियन है या अमेरिकी है, या अफ्रीका का यहां तक पहचान हो सकती है ।
रिपोर्ट में ये भी लिखा था कि कुछ कैमरे तो इंसान के बर्ताव को भी पढ़ सकते हैं, उदाहरण के लिए अगर कहीं लड़ाई हो जाए तो ये कैमरे ये तक भांप सकते थे कि किसे कितना गुस्सा आ रहा है।रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि चीन के शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के कैंप पर यही CCTV कैमरे लगे हैं। चीन की सरकार इन्हीं CCTV कैमरों की मदद से शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों पर नजर रखती है, उनकी गतिविधियों को मॉनिटर करती है।इसी साल जुलाई में भी ब्रिटेन के 67 सांसदों के दल ने चीन की दोनों कंपनियों पर बैन की मांग की थी ।
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