चीन को मिली बड़ी कामयाबी, चंदा मामा के नमूने ले आया अंतरिक्ष यान; अब विज्ञानी करेंगे जांच

Chang'e 6 Mission: चीन ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। बता दें कि चीन का चांग'ई 6 अंतरिक्ष यान चंद्रमा से चट्टान और मिट्टी के नमून एकत्रित करके सुरक्षित पृथ्वी पर लौट लाया है और अब अंतरिक्ष यान को बीजिंग ले जाया जाएगा, जहां पर विज्ञानी चंद्रमा से लाए गए नमूनों की जांच करेंगे।

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मुख्य बातें
  • मिशन पूरा कर पृथ्वी पर लौटा अंतरिक्ष यान
  • राष्ट्रपति ने मिशन की सफलता पर दी बधाई
  • चीन चंद्रमा के सुदूर हिस्से में उतरने वाला इकलौता देश बना
Chang'e 6 Mission: चीन का चांग'ई 6 अंतरिक्ष यान पहली बार चंद्रमा के सुदूर क्षेत्र से चट्टान और मिट्टी के नमूने एकत्रित करने का ऐतिहासिक मिशन पूरा करने के बाद मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आया। यह चीन के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक प्रमुख उपलब्धि है।
चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) ने ऐलान किया कि यह अंतरिक्ष यान मंगलवार की दोपहर को उत्तरी चीन के इनर मंगोलियाई स्वायत्त क्षेत्र में बीजिंग के समयानुसार दोपहर दो बजकर सात मिनट पर उतरा और यह मिशन पूरी तरह सफल रहा। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चांग'ई 6 मिशन की सफलता पर बधाई दी।

चीन का चंद्रमा पर ऐसा पहला मिशन

चीन का यह अभियान चंद्रमा के सुदूर क्षेत्र तक पहुंचने और वहां से नमूने एकत्रित करने वाला पहला अभियान है। इससे पहले भारत अगस्त 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के समीप उतरने वाला पहला देश बन गया था। उसका चंद्रयान-3 का लैंडर सफलतापूर्वक वहां उतरा था। पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चंद्रमा का यह वह हिस्सा है जिसके बारे में अभी अधिक जानकारी नहीं है।
चीन चंद्रमा के सुदूर हिस्से में उतरने वाला इकलौता देश है। इससे पहले उसने 2019 में ऐसा किया था। चंद्रमा का निकटतम भाग चंद्र गोलार्ध है, जो हमेशा सुदूर भाग के विपरीत यानी पृथ्वी की ओर होता है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा के सुदूर भाग पर पर्वत और गड्ढे हैं, जो कि निकटतम भाग पर दिखायी देने वाली अपेक्षाकृत सपाट सतह से अलग है।

चंद्रमा की मिट्टी की होगी जांच

सीएनएसए ने बताया कि इस अंतरिक्ष यान को विमान से बीजिंग ले जाया जाएगा और वैज्ञानिकों का एक दल चंद्रमा से एकत्रित किए नमूनों का भंडारण करेगा। उम्मीद है कि चांग'ई 6 यान चंद्रमा की दो किमी तक की धूल के कणों और सुदूर हिस्से की चट्टानों के साथ पृथ्वी पर लौटा है जिसका विश्लेषण चीनी अनुसंधानकर्ता करेंगे।

कैसा पड़ा चांग'ई नाम?

चांग'ई चंद्र मिशन का नाम चीन की पौराणिक चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है। एक ऑर्बिटर, एक रिटर्नर, एक लैंडर और एक आरोहक के साथ चांग'ई 6 मिशन को इस साल तीन मई को प्रक्षेपित किया गया था। चांग'ई-6 मानव इतिहास में पहली बार दक्षिणी ध्रुव-एटकेन बेसिन नामक एक विशाल गड्ढे में दो जून को उतरा और उसने नमूने एकत्रित किए।
यह चार जून को चंद्रमा के अल्प ज्ञात एक क्षेत्र से पहली बार चट्टान के नमूने एकत्रित करके मंगलवार को उसके सुदूर हिस्से से वापस पृथ्वी के लिए रवाना हुआ था। ‘चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज’ में अनुसंधानकर्ता यांग वेई ने कहा, ‘‘चांग'ई 6मिशन मानव चंद्र अन्वेषण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है तथा इससे चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में और जानकारियां मिलेंगी।’’

क्या है चीन का उद्देश्य?

चीन ने हाल के वर्षों में चंद्रमा तक कई सफल मिशन भेजे हैं। उसके चांग'ई 5 अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा के निकटतम भाग से नमूने एकत्रित किए थे। चीन की भविष्य में चंद्रमा पर एक चंद्र स्टेशन स्थापित करने की भी योजना है। एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरे चीन ने पूर्व में भी चंद्रमा पर मानवरहित मिशन सफलतापूर्वक भेजे हैं जिसमें एक रोवर उतारना भी शामिल है।
चीन ने मंगल ग्रह के समीप भी एक रोवर भेजा और एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाया है, जो अभी काम कर रहा है। चीन का उद्देश्य 2030 से पहले चंद्रमा पर एक मनुष्य को भेजना है।
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अनुराग गुप्ता author

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