Dalai Lama: अपनी पसंद का दलाई लामा बनाने की कोशिश में ड्रैगन, दस्तावेज से हुआ खुलासा
Dalai Lama: इंटरनेशनल फैमिली न्यूज के एडिटर-इन-चीफ मार्को रेस्पिंटी ने बिटर विंटर में लिखते हुए कहा कि ये रिपोर्ट पहले दो अनदेखी और महत्वपूर्ण सीसीपी नीति दस्तावेजों पर आधारित है। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दस्तावेज चीन में प्रभावशाली और कुशल तिब्बती शोधकर्ताओं को भेजे गए हैं, जिससे ये मालूम होता है कि चीन सरकार दलाई लामा के बाद के युग की डिटेल तैयारी में लगी हुई है।
अपनी पसंद का दलाई लामा बनाने की कोशिश में चीन।
मुख्य बातें
- अपनी पसंद का दलाई लामा बनाने की कोशिश में ड्रैगन
- 2 गोपनीय दस्तावेज से हुआ खुलासा
- दलाई लामा को लेकर हमेशा से ही आक्रामक रहा है चीन का रुख
Dalai Lama: तिब्बत और दलाई लामा को लेकर ड्रैगन (चीन) का रुख हमेशा से ही आक्रामक रहा है। इस बीच चीन (China) की एक नई रणनीति का खुलासा हुआ है, जिसमें वो 14वें दलाई लामा के तौर पर अपने आदमी को बिठाना चाहता है। इस रणनीति का खुलासा दो गोपनीय आंतरिक दस्तावेज से हुआ है।
अपनी पसंद का दलाई लामा बनाने की कोशिश में चीन
इंटरनेशनल फैमिली न्यूज के एडिटर-इन-चीफ मार्को रेस्पिंटी ने बिटर विंटर में लिखते हुए कहा कि ये रिपोर्ट पहले दो अनदेखी और महत्वपूर्ण सीसीपी नीति दस्तावेजों पर आधारित है। साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ये दस्तावेज चीन में प्रभावशाली और कुशल तिब्बती शोधकर्ताओं को भेजे गए हैं, जिससे ये मालूम होता है कि चीन सरकार दलाई लामा के बाद के युग की डिटेल तैयारी में लगी हुई है।
रिपोर्ट में है ड्रैगन के प्लान की पूरी डिटेल
साथ ही इस रिपोर्ट में दलाई लामा की मौत की भुनाने और उनके उत्तराधिकारी को चुनने की ड्रैगन के प्लान की पूरी डिटेल है। हाल ही में दलाई लामा ने घोषणा की थी कि वह तिब्बती बौद्ध धर्म को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संपूर्ण पुनर्जन्म प्रणाली में हस्तक्षेप करने के प्रयास से बचाने के लिए दोबारा जन्म नहीं लेंगे।
बिटर विंटर के मुताबिक इस विषय पर 30 पन्नों की एक नई रिपोर्ट इस संभावना की पुष्टि भी करती है। ये 4 अक्टूबर, 2022 को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 51 वें सत्र के एक साइड इवेंट में जारी किया गया था, जिसे अमेरिका द्वारा प्रायोजित किया गया था और यूके, कनाडा, चेक गणराज्य और लिथुआनिया द्वारा सह-प्रायोजित, की सूचना दी गई थी।
करीब तीन महीने पहले दलाई लामा ने कहा था कि चीन में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है, जिन्हें ये अहसास है कि वह ‘स्वतंत्रता’ की मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि सार्थक स्वायत्तता और तिब्बती बौद्ध संस्कृति के संरक्षण की मांग कर रहे हैं। सभी विवादों का बातचीत के जरिए हल निकालने की पैरवी करते हुए दलाई लामा ने कहा कि सभी इंसान बराबर हैं और उन्हें ‘मेरा देश, मेरी विचारधारा’ वाली संकीर्ण सोच से ऊपर उठने की जरूरत है क्योंकि यही लोगों में लड़ाई का प्रमुख कारण है।
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