अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चीन सबसे बड़ा सैन्य खतरा, खुफिया रिपोर्ट ने उड़ाए होश
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर बीजिंग को लगता है कि वाशिंगटन के साथ कोई बड़ा संघर्ष होने वाला है, तो वह अमेरिका के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और सैन्य संपत्तियों के खिलाफ आक्रामक साइबर ऑपरेशन पर विचार कर सकता है।

चीन का खतरा
China Most Capable Of Threatening US Interests: अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चीन सबसे व्यापक और मजबूत सैन्य खतरा है। यह खुलासा मंगलवार को एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में हुआ। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि चीन अमेरिकी सरकार, निजी क्षेत्र और महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क के लिए एक सक्रिय और लगातार साइबर खतरा पैदा कर रहा है। साथ ही उसके परमाणु हथियार और उन्नत वितरण प्रणालियां - विनाशकारी क्षति पहुंचाने में सक्षम हैं। खुफिया प्राधिकरण की 'वार्षिक खतरा आकलन' में कहा गया कि चीन के सैन्य आधुनिकीकरण प्रयासों का एक बड़ा हिस्सा प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और सहयोगी सैन्य अभियानों के सभी पहलुओं के खिलाफ जवाबी हस्तक्षेप क्षमताओं को विकसित करने पर केंद्रित है।
रिपोर्ट में क्या-क्या कहा?
रिपोर्ट में कहा गया, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) 2049 तक 'चीनी राष्ट्र का महान कायाकल्प' करना चाहते हैं। पीआरसी विश्व की घटनाओं को आकार देने के लिए अपनी शक्ति और प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश करेगा, ताकि पीआरसी के हितों के अनुकूल माहौल बनाया जा सके। इसमें जिक्र किया गया है कि चीन ने पारंपरिक पेलोड के साथ बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों की एक श्रृंखला विकसित की है, जिन्हें मुख्य भूमि से साथ ही हवा और समुद्र के रास्ते, [जिसमें परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियां भी शामिल हैं] कहीं भी पहुंचाया जा सकता है।
चीन को लेकर चेतावनी
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए विश्वव्यापी खतरों की वार्षिक रिपोर्ट, इंटेलिजेंस कम्युनिटी की सामूहिक अंतर्दृष्टि को प्रतिबिंबित करती है। रिपोर्ट मुख्य रूप से अगले वर्ष के दौरान अमेरिका के लिए सबसे प्रत्यक्ष, गंभीर खतरों पर केंद्रित है। इसमें चेतावनी दी गई है कि चीन दूसरों के खिलाफ अपनी स्थिति और ताकत को स्थापित करने के लिए जटिल, संपूर्ण-सरकारी अभियानों का उपयोग कर रहा है। इसके साथ ही वह पूर्ण पैमाने पर संघर्ष के लिए अधिक विनाशकारी उपकरणों को बचाकर रख रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर बीजिंग को लगता है कि वाशिंगटन के साथ कोई बड़ा संघर्ष होने वाला है, तो वह अमेरिका के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और सैन्य संपत्तियों के खिलाफ आक्रामक साइबर ऑपरेशन पर विचार कर सकता है। इस तरह के हमले अमेरिकी सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए किए जाएंगे, ताकि निर्णय लेने में बाधा उत्पन्न हो, सामाजिक दहशत पैदा हो और अमेरिकी सेना की तैनाती में मुश्किल पैदा हो।
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