चीनी जासूसी की पड़ताल करती ये रिपोर्ट इंटरनेशनली चर्चा में बनी हुई है
चीन दुनिया की महाशक्ति बनने का मंसूबा लेकर आक्रामक तरीके से दुनिया भर में दबाव की राजनीति कर रहा है। लेकिन चीन को लेकर विश्वसनीयता का संकट हमेशा से बना हुआ है। ताजा मामले में चीन की जासूसी का नापाक खेल दुनिया के सामने आया है। दो दिन पहले ही ब्रिटेन की संसद में जासूसी करते दो चीनी रिसर्चर्स को गिरफ्तार किया गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस पर चिंता भी जताई। लेकिन चीन का यह पैटर्न है।
वह हर उस देश में अपनी जासूसी की नेटवर्क खड़ा कर चुका है जिससे या तो उसका सीमा विवाद है या अन्य वैश्विक मुद्दों पर मतभेद है। चीन की जासूसी नेटवर्क में वहां की कंपनी हुएई का नाम भी सामने आया था जिस पर भी जासूसी के आरोप लगे हैं। इस वजह से अमेरिका सहित कई देशों में यह कंपनी प्रतिबंधित हो गई।
टिक टॉक पर बैन लगाने के पीछे भी चीनी जासूसी के खतरे को बताया गया था
टिक टॉक पर बैन लगाने के पीछे भी चीनी जासूसी के खतरे को बताया गया था। लेकिन अब जो रिपोर्ट सामने आई है वो हैरान करने वाली है। चीन का जासूसी नेटवर्क मानो पूरी एक इंडस्ट्री हो। चीन द्वारा 14 से अधिक देशों में जासूसी करने का मामला एक रिपोर्ट में सामने आया है। इस रिपोर्ट में चीन की जासूसी इंडस्ट्री की पोल खोल दी गई है।
दुनिया भर से ट्रिलियन डॉलर तक की बौद्धिक संपदा की चोरी का आरोप
चीन की कोई भी कंपनी सरकार द्वारा दिए गए किसी आदेश का पालन करने को मजबूर है। चीन के नेशनल इंटेलीजेंस लॉ के आर्टिकल 7 के मुताबिक सारी कंपनियों को इंटेलीजेंस सर्विस को हर हाल में सूचना देनी होती है। यहीं वजह है कि चीनी कंपनियों को शक की निगाह से देखा जाता है। चीन में जासूसी का नेटवर्क कितना बड़ा है यह इसकी एक संस्था के उदाहरण से समझिए। APT 41 चीन प्रायोजित अंतर्राष्ट्रीय साइबर ऑपरेशन है। यह कई देशों में हैकिंग का जिम्मेदार है। इस पर दुनिया भर से ट्रिलियन डॉलर तक की बौद्धिक संपदा की चोरी का आरोप है। इस संस्था पर अब तक 14 देशों में जासूसी के आरोप सामने आए है। चीनी जासूसी का नेटवर्क काम कैसे करता है यह भी समझते हैं। चीन कई तरीकों से करता है साइबर हमला और हैकिंग।
इनमें चीनी जासूसों द्वारा जो सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किए गए थे उनमें से कुछ के नाम हैं-
ब्लैक कॉफी
शैडोपैड
प्लगएक्स
घोस्ट रैट
चाइना चॉपर
बता दें कि चीनी जासूसों पर अमेरिका, ताइवान, भारत, थाईलैंड, हॉन्गकॉन्ग, ब्रूनेई, ब्रिटेन, मंगोलिया, इंडोनेशिया, वियतनाम, बांग्लादेश, आयरलैंड की जासूसी करने के सबूत मिले हैं। इस रिपोर्ट ने यह भी बताया कि चीनी जासूसों के निशाने पर दरअसल क्या होता है।
चीनी जासूस मुख्यत: जिन चीजों को निशाना बनाते हैं वो हैं-
एशिया में सरकारी वेबसाइट
एयरोस्पेस
रक्षा संस्थान
टेलीकॉम
IT संस्थान
चीनी जासूसी की पड़ताल करती ये रिपोर्ट इंटरनेशनली चर्चा में बनी हुई है। ड्रैगन के नापाक इरादे अब उजागर हो रहे हैं। चीन की जासूसी की कलई खुल चुकी है। भारत ही नहीं चीन के निशाने पर दुनिया के तमाम मुल्क हैं। अब इन मुल्कों में चीन के खिलाफ हवा बन रही है जो आने वाले वक्त में एक बड़े वैश्विक बदलाव में परिवर्तित हो सकता है।