शी जिनपिंग के खिलाफ बगावती सुर के पीछे कौन, विरोध में लगे पोस्टर पर सेंसर

कम्यूनिस्ट पार्टी कांग्रेस से पहले चीन सरकार ने शी जिनपिंग के विरोध वाले पोस्टरों को सेंसर कर दिया है।

शी जिनपिंग, चीन के राष्ट्रपति

आम तौर पर चीन के अंदर क्या कुछ चल रहा होता है उसकी जानकारी दुनिया को कम ही पता चल पाता है। चीन सरकार के नियंत्रण में मीडिया वही बात लोगों के सामने, दुनिया के सामने पेश करती है जो सरकार को पसंद आती है। हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हाउस अरेस्ट की खबरें आईं। इस तरह की खबरें थीं कि जब वो शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में ताशकंद में थे तख्तापलट की कोशिश की गई। इन सबके बीच शी के विरोध में पोस्टर भी लगे। हालांकि चीन सरकार ने शी जिनपिंग के विरोध में लगे पोस्टरों पर बैन लगा दिया है। बता दें कि कम्यूनिस्ट पार्टी कांग्रेस की बैठक होने जा रही है।
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मैं गुलाम नहीं, नागरिक बनूंगा

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पोस्टर पर लिखा गया था कि कोई कोविड टेस्ट नहीं, मैं जीविकोपार्जन करना चाहता हूं। कोई सांस्कृतिक क्रांति नहीं, मैं सुधार चाहता हूं। लॉकडाउन नहीं, मुझे आजादी चाहिए। कोई नेता नहीं, मैं वोट देना चाहता हूं। झूठ नहीं, मुझे इज्जत चाहिए। मैं गुलाम नहीं बनूंगा, मैं एक नागरिक बनूंगा।दूसरे बैनर ने नागरिकों से हड़ताल पर जाने और "देशद्रोही तानाशाह शी जिनपिंग" को हटाने का आह्वान किया।ट्विटर पर छवियां, जो चीन में अवरुद्ध हैं, ने पुल पर आग से धुंआ उठता हुआ दिखाया। यह स्पष्ट नहीं था कि बैनरों को किसने लटकाया होगा या उन्हें कब लगाया गया था।
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