चीन ने चांद पर उतारा चंद्रयान, लगाया पाकिस्तान का ऑर्बिटर, बड़ी तैयारी कर रहा ड्रैगन

China Moon Mission: चीन की भविष्य में चंद्रमा पर एक चंद्र स्टेशन स्थापित करने की भी योजना है। वह 2030 से पहले चंद्रमा पर एक मनुष्य को भेजने की भी तैयारी में है जिससे वह अमेरिका के बाद ऐसा करने वाला दूसरा देश बन जाएगा। चीन ने मंगल ग्रह पर भी एक रोवर भेजा है और एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाया है जो अभी काम कर रहा है।

China Moon Mission
China Moon Mission: चीन का एक अंतरिक्ष यान मिट्टी और चट्टान के नमूने एकत्रित करने के लिए अपनी तरह के पहले प्रयास के तहत रविवार को चंद्रमा के एक सुदूर हिस्से में उतरा। ये नमूने चंद्रमा के कम खोजे गए क्षेत्र और अच्छी तरह ज्ञात इसके निकटतम भाग के बीच अंतर के बारे में जानकारियां उपलब्ध करा सकते हैं। चंद्रमा का निकटतम भाग चंद्र गोलार्ध है जो हमेशा सुदूर भाग के विपरीत यानी पृथ्वी की ओर होता है। बता दें, भारत पिछले साल चंद्रमा के कम खोजे गए दक्षिणी ध्रुव हिस्से के समीप उतरने वाला पहला देश बन गया था। प्रज्ञान रोवर को लेकर जा रहा उसका चंद्रयान-3 का लैंडर वहां सफलतापूर्वक उतरा था।
चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के अनुसार, चांग ए-6 मानव इतिहास में पहली बार दक्षिणी ध्रुव-एटकेन बेसिन नामक एक विशाल गड्ढे में बीजिंग के स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजकर 23 मिनट पर उतरा। चांग ए-6 में एक ऑर्बिटर, एक रिटर्नर, एक लैंडर और एक आरोहक है। इस मिशन का नाम चीन की पौराणिक चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि सबसे जटिल प्रयास में से एक चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए बाधाओं का पता लगाने के लिए एक स्वायत्त दृश्य बाधा निवारण प्रणाली का इस्तेमाल किया गया। एक लाइट कैमरा ने चंद्रमा की सतह पर उजाले और अंधेरे के आधार पर अपेक्षाकृत सुरक्षित उतरने के लिए एक स्थान का चयन किया। चांग’ए-6 मिशन को चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने एकत्रित करके लौटने का जिम्मा दिया गया है जो अपने आप में पहला प्रयास है।

काफी मुश्किल भरा है यह मिशन

चंद्रमा के सुदूर क्षेत्र तक मिशन भेजना ज्यादा मुश्किल है क्योंकि यह पृथ्वी के सामने नहीं होता जिसके कारण संचार बनाए रखने के लिए रिले उपग्रह की आवश्यकता होती है। साथ ही यह हिस्सा अधिक उबड़-खाबड़ है जहां लैंडर के उतरने के लिए बहुत ही कम समतल भूमि है। चांग ए-6 के चंद्रमा पर उतरने के बाद दो दिन के भीतर उसे नमूने एकत्र करना है। उसने चंद्रमा से नमूने एकत्रित करने के लिए दो पद्धतियां अपनायी हैं जिसमें उपसतह के नमूने एकत्रित करने लिए ड्रिल का इस्तेमाल करना और रोबोट के जरिए सतर से नमूने एकत्रित करना शामिल है।
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