मेड इन चाइना ने फिर दिया धोखा, वैक्सीन लेना इन देशों को पड़ रहा है भारी !

Covid-19 Outbreak in China:चीन में कोरोना के हालात से साफ है कि चीन की वैक्सीन कारगर साबित नही हो रही है। और इसका खामियाजा चीन ही नहीं दुनिया के उन 119 देशों को भी उठाना पड़ सकता है, जिन्होंने चीन से भारी मात्रा में वैक्सीन खरीदी या दान में प्राप्त की थी।

दुनिया में बढ़ा कोरोना का खतरा

मुख्य बातें
  • ब्राजील, मैक्सिको,फिलीपींस में तेजी से बढ़ रहे है मामले
  • चीन की वैक्सीन रोग प्रतिरोधी क्षमता कमजोर और आंकड़ों पर संदेह
  • चीन से इंडोनेशिया, पाकिस्तान, ईरान ने सबसे ज्यादा वैक्सीन खरीदी है।

Covid-19 Outbreak in China:कोरोना एक बार फिर चीन से फैल रहा है। तीन साल पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जिस दंभ से यह दावा कर रहे थे कि उन्होंने कोरोनो को काबू कर लिया है। वहीं अब उनकी तैयारियों की पोल खोल रहा है। इस समय चीन में हालात इतने बुरे हैं कि अस्पतालों और श्मशानों में लंबी कतारें लगी हुई हैं। और ऐसा तब हो रहा है जब चीन ने सख्त कोविड पॉलिसी लागू कर रखी थी और उसका दावा था कि उसकी 90 फीसदी आबादी को कोरोना रोधी वैक्सीन की 2 डोज लग चुकी है। लेकिन चीन के हालात से साफ है कि चीन की वैक्सीन कारगर नही है। और अब इसका खामियाजा चीन ही नहीं दुनिया के उन 119 देशों को भी उठाना पड़ सकता है, जिन्होंने चीन से भारी मात्रा में वैक्सीन खरीदी या दान में प्राप्त की थी। इन देशों में से कई में तो उसका असर भी दिखने लगा है और वहां पर तेजी से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं।

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चीन ने बनाई थी दो वैक्सीन

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चीन ने Coronavac और Sinopharm वैक्सीन बनाई है और जिनकी दुनिया के कई देशों में उसने सप्लाई की है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार Coronavac की कोरोना के खिलाफ लड़ने की क्षमता 65.9 फीसदी है, जबकि Sinopharm की प्रतिरोधी क्षमता करीब 79 फीसदी रही थी। जो कि दुनिया के दूसरे देशों की वैक्सीन की तुलना में कमजोर है। भारत की कोवैक्सीन और कोवैक्स वैक्सीन की गंभीर लक्षणों में 93 फीसदी से ज्यादा प्रतिरोधी क्षमता है। इसके अलावा फाइजर और दुनिया के दूसरी प्रमुख वैक्सीन भी चीन से बेहतर स्थिति में है। अहम बात यह है कि चीन जिस प्रतिरोधी क्षमता का दावा करता है उसको लेकर भी शक है। क्योंकि उसने कोरोना आने के 6 महीने के अंदर ही दावा कर दिया था कि उसने वैक्सीन बना ली थी। इसके अलाव इस बात पर भी संदेह है कि क्या चीन ने क्लीनिकल ट्रॉयल के लिए जरूरी मानक पूरे किए गए हैं कि नहीं।

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