चीन से फिर दुनिया को खतरा, 3 साल पहले 5.5 लाख लोगों का छुपाया था सच, लौटेगा लॉकडाउन !
Covid-19 Outbreak in China: जिस तरह तीन साल पहले चीन ने कोरोना पर लोगों को अंधेरे में रखा, ठीक इस बार भी वह दुनिया को सतर्क नहीं कर रहा है। न तो उसने अपने यहां से विदेश यात्राओं पर कोई सख्ती की है और न ही उसने दूसरे सख्त कदम उठाए। उल्टे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जनता के दवाब में जीरी कोविड पॉलिसी में ढील दे दी है।
- महामारी विशेषज्ञ अगले 90 दिनों में दुनिया की 10 फीसदी आबादी के संक्रमित होने की आशंका जता रहे हैं।
- चीन उसी रास्ते पर है, जो उसने साल 2020 में अपनाया था।
- चीन में बढ़ते मामलों के लिए ओमिक्रॉन का BF.7 सब-वैरिएंट को प्रमुख कारण के तौर पर देखा जा रहा है।
Covid-19 Outbreak in
चीन की बदमाशी पड़ोसियों पर भारी
जिस तरह तीन साल पहले चीन ने कोरोना पर लोगों को अंधेरे में रखा, ठीक इस बार भी वह दुनिया को सतर्क नहीं कर रहा है। न तो उसने अपने यहां से विदेश यात्राओं पर कोई सख्ती की है और न ही उसने दूसरे सख्त कदम उठाए। उल्टे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जनता के दवाब में जीरी कोविड पॉलिसी में ढील दे दी है। उसी का असर है कि चीन में कोरोना बेकाबू हो गया है। और उसके पड़ोसी देशों में भी तेजी से फैल रहा है। जापान में बीते एक हफ्ते में दस लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। वहीं दक्षिण कोरिया में भी 4.5 लाख नए केस सामने आ गए हैं। इसके अलावा ब्राजील, जर्मनी और अमेरिका में भी केस तेजी से बढ़ने लगे हैं।
5.5 लाख लोगों का छुपाया था सच
चीन उसी रास्ते पर है, जो उसने साल 2020 में अपनाया था। साल 2020 में चीन मई के महीने तक देश में केवल 83000 संक्रमण के मामले दिखा रहा था। और शी जिनपिंग दुनिया को बताने में यह लगे थे कि चीन ने कोरोना का काबू कर लिया। लेकिन चीन की ही मिलेट्री यूनिवर्सिटी ने मई में अलग ही तस्वीर सामने पेश कर दी। उसके अनुसार उस वक्त तक चीन में कोरोना मरीजों की संख्या 6 लाख से ज्यादा हो चुकी थी। और वह 230 शहरों में फैल गया था। जाहिर है कि शी जिनपिंग दुनिया को अंधेरे में रख रहे थे और उसका खामियाजा बाद में भारत सहित पूरी दुनिया को भुगतना पड़ा। क्योंकि अगर वह समय पर दुनिया को सचेत करते तो और पहले एहतियात के कदम उठाए जा चुके होते और कइयों की जान बच सकती थी।
कहर बरपा रहा है नया वैरिएंट
चीन में बढ़ते मामलों के लिए ओमिक्रॉन का BF.7 सब-वैरिएंट को प्रमुख कारण के तौर पर देखा जा रहा है। और अक्टूबर में गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर, देश में इस वैरिएंट के कारण संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि कर चुका है। भारत के अलावा कई यूरोपीय देशों में भी इस वैरिएंट के कारण संक्रमण की पुष्टि की जा चुकी है। चीन इस समय ओमीक्रॉन स्वरूप के दो सब वैरिएंट-बीए.5.2 और बीएफ.7 से प्रभावित है। कहा जा रहा है कि वायरस पहले तक फैलने के बाद दो से तीन दिन में अपना असर दिखाता था, पर अब वह चंद घंटों में फैलने लगा है। सब-वेरियंट एक से 16 लोगों में फैल रहा है।
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