नेपाल में बिगड़े हालात, अब तक 100 से अधिक राजशाही समर्थक गिरफ्तार, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
शुक्रवार को राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों ने काठंमांडू के तिनकुने इलाके में पथराव किया और एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर भी हमला बोला, इसके अलावा कुछ वाहनों में आग लगा दी और दुकानों को लूट लिया।

नेपाल में बिगड़े हालात
Nepal News: नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग को लेकर इन दिनों संग्राम मचा हुआ है। इसे लेकर शुक्रवार को राजशाही समर्थकों से पुलिस के साथ हिंसक झड़प भी हुई है। तनाव के चलते कुछ हिस्सों में कर्फ्यू भी लगाना पड़ा। हालांकि, शनिवार को काठमांडू के पूर्वी हिस्से में सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों के बाद लगाए गए कर्फ्यू को हटा लिया। काठमांडू के कुछ हिस्सों में शुक्रवार को तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई थी। इस दौरान राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के तिनकुने इलाके में पथराव किया और एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर भी हमला बोला, इसके अलावा कुछ वाहनों में आग लगा दी और दुकानों को लूट लिया।
टीवी कैमरामैन सहित दो लोगों की मौत
सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में एक टीवी कैमरामैन सहित दो लोगों की मौत हो गई। बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाया गया। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, शुक्रवार को शाम 4.25 बजे से लगाया गया कर्फ्यू शनिवार को सुबह 7 बजे से हटा लिया गया है। पुलिस ने शुक्रवार के हिंसक प्रदर्शन के दौरान घरों को जलाने और वाहनों में तोड़फोड़ करने में शामिल 105 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया है।
प्रदर्शनकारी राजशाहीवादी राजशाही और हिंदू राज्य की बहाली की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन तब हिंसक हो गया जब आंदोलन के संयोजक दुर्गा प्रसाद बुलेटप्रूफ वाहन पर सवार होकर सुरक्षा बैरिकेड तोड़कर संसद भवन स्थित बनेश्वर की ओर बढ़ गए। गिरफ्तार किए गए लोगों में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के महासचिव धवल शमशेर राणा और पार्टी के केंद्रीय सदस्य रवींद्र मिश्रा समेत कई लोग शामिल हैं।
जमकर हुई हिंसा और आगजनी
काठमांडू जिला पुलिस रेंज के पुलिस अधीक्षक अपिल बोहरा ने बताया कि शुक्रवार के हिंसक प्रदर्शन के पीछे मुख्य व्यक्ति प्रसाई अभी भी फरार है। पुलिस के अनुसार, शुक्रवार की घटना में 53 पुलिसकर्मी, 22 सशस्त्र पुलिस बल के जवान और 35 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। हिंसक प्रदर्शन के दौरान 14 इमारतों में आग लगा दी गई और 9 में तोड़फोड़ की गई। 9 सरकारी वाहनों को आग लगा दी गई और छह निजी वाहनों में तोड़फोड़ की गई। प्रदर्शनकारियों ने तिनकुने इलाके में कांतिपुर टेलीविजन भवन और अन्नपूर्णा मीडिया हाउस पर भी हमला किया।
2008 में 240 साल पुरानी राजशाही खत्म
नेपाल के राजनीतिक दलों ने संसद की घोषणा के माध्यम से 2008 में 240 साल पुरानी राजशाही को समाप्त कर दिया और तत्कालीन हिंदू राज्य को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया। राजशाहीवादी तब से राजशाही की बहाली की मांग कर रहे हैं, जब से पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) पर प्रसारित एक वीडियो संदेश में समर्थन की अपील की थी। राजशाही समर्थक कार्यकर्ताओं ने पूर्व राजा के समर्थन में 9 मार्च को एक रैली भी निकाली थी, जो देश के विभिन्न भागों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद पोखरा से त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे थे।
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