Nepal Earthquake: नेपाल में 3 दिन में तीसरी बार भूकंप, लेकिन भारत में महसूस नहीं हुए झटके
Nepal Earthquake: नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि नेपाल में रविवार तड़के 3.6 तीव्रता का भूकंप आया। भारत में भूकंप के झटके महसूस नहीं किये गए।
नेपाल में फिर हिली धरती
Nepal Earthquake: नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि नेपाल में रविवार तड़के 3.6 तीव्रता का भूकंप आया। भारत में भूकंप के झटके महसूस नहीं किये गए। भूकंप का केंद्र नेपाल के काठमांडू के 169 किमी उत्तर-पश्चिम में था। हालांकि आज किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। इससे एक दिन बाद शनिवार को नेपाल में 4.2 तीव्रता का झटका दर्ज किया गया। शनिवार दोपहर 3 बजकर 40 मिनट पर जाजरकोट जिले में यह झटका दर्ज किया गया। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र के अनुसार, भूकंप के बाद का झटका 4.2 तीव्रता का था और इसका केंद्र रामिदंडा था। यह झटका शुक्रवार रात आए भूकंप के बाद महसूस किया गया। नेपाल में शुक्रवार रात आए 6.4 तीव्रता के भूकंप के कारण देश के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में 157 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 160 से अधिक लोग घायल हैं, जबकि सैकड़ों मकान तबाह हो गए। यह नेपाल में 2015 के बाद से सबसे विनाशकारी भूकंप था। नेपाल में 2015 में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और 22,000 से अधिक लोग घायल हुए थे।
शुक्रवार को भूकंप रात 11 बजकर 47 मिनट पर आया, जिसका केंद्र जाजरकोट जिले में था। यह स्थान राजधानी काठमांडू से करीब 500 किलोमीटर पश्चिम में है। भूकंप के झटके काठमांडू और इसके आसपास के जिलों में, और यहां तक कि पड़ोसी देश भारत की राजधानी नयी दिल्ली तक महसूस किये गए। पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट और रुकुम जिले भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार भूकंप से अबतक 157 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि इनमें से 105 लोगों की मौत जाजरकोट में और 52 की मौत रुकुम जिले में हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि जाजरकोट, रुकुम पश्चिम, दाइलेख और जुमला जिलों में 160 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप में मारे गए लोगों में जाजरकोट में नलगढ़ नगर पालिका की उप महापौर सरिता सिंह भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र ने बताया कि शुक्रवार रात आए भूकंप बाद के लगभग 159 हल्के झटके आए।
नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। दरअसल नेपाल, हिमालय पर्वतमाला की उस श्रृंखला पर स्थित है, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं और ये हर सदी एक-दूसरे के तकरीबन दो मीटर नजदीक आ रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप दबाव उत्पन्न होता है और भूकंप आते हैं। इस साल 16 अक्टूबर के नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत में 4.8 तीव्रता के भूकंप का झटके आये थे। वहीं, 22 अक्टूबर को नेपाल की राजधानी काठमांडू में 6.1तीव्रता का भूकंप आया था। नेपाल स्थित राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र में वरिष्ठ भूकंप वैज्ञानिक भरत कोइराला ने बताया कि भारतीय और यूरेशिया की टेक्टॉनिक प्लेटों में लगातार टक्कर हो रही है जिससे बहुत अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि नेपाल इन दोनों प्लेटों की सीमा पर है, जो भूकंप के मामले में अतिसक्रिय इलाकों में आता है और इसलिए नेपाल में भूंकप आना सामान्य है।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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