यूरोप में चलेगा सिर्फ C-Type चार्जर, हो गया फैसला! भारत में भी होगा बदलाव, Apple को नुकसान

यूरोपीय ग्राहकों के लिए एप्पल के गैजेट पहली पसंद रहे हैं। ऐसे में इस फैसले से सबसे ज्यादा प्रभावित यही कंपनी होगी। क्योंकि एप्पल का एक अलग चार्जर होता है, जो काफी महंगा भी होता है। जबकि सी-टाइप चार्जर की कीमत कम होती है। ऐसे में लोगों के पास जिस एप्पल का विकल्प नहीं होता था, उनके सामने अब एक विकल्प हो सकता है।

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फोटो- @pixabay)

मुख्य बातें
  • यूरोपीय यूनियन ने पास कर दिया है कानून
  • ईयू के कुल 27 देशों में लागू होंगे ये नियम
  • भारत में भी हो सकता है बदलाव

यूरोपीय यूनियन ने मोबाइल के साथ साथ अन्य इलेक्ट्रॉनिक चार्जरों को लेकर एक ऐसा कानून बना दिया है, जिससे पूरी दुनिया में बदलाव आ सकता है। इस कानून से सबसे ज्यादा घाटा एप्पल को होने वाला है।

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यूरोपीय संसद ने मंगलवार को इस नए नियम की मंजूरी दी है। इस कानून के तहत यूरोपीय देशों में मोबाइल फोन, टैबलेट और कैमरों के लिए एक ही टाइप का चार्जर होगा। कानून के अनुसार 2024 तक सभी कंपनियों को चार्जर सी टाइप का करना अनिवार्य होगा।

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इस समय एप्पल को छोड़कर मुख्य मोबाइल कंपनियां सी-टाइप चार्जर ही मार्केट में मोबाइल के साथ ला रही है। प्रमुख मोबाइल कंपनियों में एप्पल ही एक है, जिसका चार्जर सबसे अलग होता है। इसके चार्जर की कीमत भी अधिक होती है। भारत जैसे देश में इसके चार्जर की कीमत में और दूसरे मोबाइल कंपनियों के चार्जर की कीमत में काफी अंतर होता है।

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