'महिलाओं का खतना अपराध', बोले Pope Francis- क्या हम यह त्रासदी नहीं रोक सकते?
Female Genital Mutilation: औरतों के खतना की प्रथा (Female Genital Mutilation) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) चार प्रकार का बताता है। एशिया, पूर्वी यूरोप और लैटिन अमेरिका में जिन मुल्कों में यह प्रथा अपनाई जाती है, उनमें Burkina Faso, Central African Republic, Chad, Democratic Republic of Congo, Sudan, Egypt, Oman, United Arab Emirates (UAE), Iraq, Iran, Georgia, Russian Federation, Columbia और Peru शामिल हैं।
बहरीन (Bahrain) में एक मीटिंग के दौरान अपनी बात रखते हुए पोप फ्रांसिस (Pope Francis)। फोटोः AP
Female Genital Mutilation: कैथलिक चर्च (Catholic Church) के हेड पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने महिलाओं के खतना (Female Genital Mutilation) को लेकर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इस प्रथा को अपराध करार दिया। साथ ही चिंता जताते हुए कहा कि यह क्राइम है, फिर भी मानवता इसे रोक नहीं पा रही है।संबंधित खबरें
रविवार (छह नवंबर, 2022) को वह बहरीन (Bahrain) से वापस लौट रहे थे। इस बीच, उनसे महिलाओं के अधिकार (Women Rights) के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। फ्रांसिस ने इस दौरान महिलाओं के खतना पर बताया समाज की भलाई के लिए महिलाओं के अधिकारों, समानता और अवसर की लड़ाई जारी रहनी चाहिए।संबंधित खबरें
पोप ने प्रथा का जिक्र करते हुए आगे कहा, ‘‘क्या आज हम दुनिया में युवतियों के अंतर्मन की त्रासदी को नहीं रोक सकते? यह भयावह है कि आज भी एक प्रथा है, जिसे मानवता रोक नहीं पा रही है। यह एक अपराध है। यह एक आपराधिक कृत्य है।’’संबंधित खबरें
उनके मुताबिक, "समाज की भलाई के लिए महिलाओं के अधिकारों, समानता और अवसर की लड़ाई जारी रहनी चाहिए।" विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो दुनिया भर में जीवित 200 मिलियन से अधिक लड़कियों को 30 से अधिक देशों में इस प्रथा का सामना करना पड़ा है।संबंधित खबरें
वैसे, साल 2018 में हिंदुस्तान में औरतों के खतना पर हुए एक अध्ययन के जरिए पता चला था कि बोहरा मुस्लिम (Bohra Muslim) समुदाय में यह प्रथा 75 प्रतिशत तक थी। अध्ययन तीन स्वतंत्र शोधकर्ताओं की ओर से किया गया था।संबंधित खबरें
हालांकि, इस प्रथा (FGM) की सटीक उत्पत्ति तो स्पष्ट नहीं है। पर ऐसा माना जाता है कि यह ईसाई धर्म और इस्लाम से पहले की है। मिस्र की कुछ ममी (Egyptian Mummies) इस प्रथा की विशेषताओं को प्रदर्शित करती हैं।संबंधित खबरें
एफजीएम उन प्रक्रियाओं को दिया गया नाम है, जिनमें गैर-चिकित्सीय या सांस्कृतिक कारणों से महिला जननांग को बदलना या घायल करना शामिल है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों और लड़कियों और महिलाओं के स्वास्थ्य और अखंडता के उल्लंघन के रूप में मान्यता प्राप्त है।संबंधित खबरें
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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