Finland बना NATO सदस्यः पुतिन के लिए झटका, काम नहीं आईं धमकियां

फिनलैंड के पड़ोसी रूस ने चेताया है कि अगर नाटो अपने 31वें सदस्य राष्ट्र के क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक या उपकरण तैनात करेगा तो वह फिनलैंड की सीमा के पास अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा।

Finland to Become NATO Member

फिनलैंड आज बनेगा नाटो का सदस्य

Finland NATO Membership: यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए ये खबर किसी झटके से कम नहीं है। मामला नाटो से जुड़ा है। रूस की पुरजोर कोशिशों और धमकियों के बावजूद फिनलैंड मंगलवार (चार अप्रैल, 2023) को दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सदस्य बन गया, जिसे लेकर रूस ने एक बार फिर उसे चेताया था।

रूस ने दी नाटो को चेतावनी

फिनलैंड के पड़ोसी रूस ने चेताया है कि अगर नाटो अपने 31वें सदस्य राष्ट्र के क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक या उपकरण तैनात करेगा तो वह फिनलैंड की सीमा के पास अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा। रूस पहले भी इस तरह की चेतावनियां दे चुका है। यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से ही फिनलैंड लगातार नाटो में आने की जद्दोजहद में था और उसने पिछले साल फरवरी में युद्ध छिड़ने के बाद ही नाटो का सदस्य बनने के लिए आवेदन कर दिया था।

नाटो के ब्रसेल्स स्थित मुख्यालय के बाहर अन्य सदस्य देशों के ध्वज के साथ ही फिनलैंड का नीले और सफेद का रंग झंडा भी लहराया जाएगा। फिनलैंड के राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम नाटो की 74वीं वर्षगांठ के दिन हो रहा है। चार अप्रैल 1949 को ही नाटो की स्थापना के लिए वाशिंगटन संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। यह संयोग ही है कि गठबंधन के विदेश मंत्रियों की बैठक भी हो रही है।

तुर्किये ने दी फिनलैंड के नाम को मंजूरी

फिनलैंड के गठबंधन में शामिल होने वाले आग्रह को मंजूरी देने वाला तुर्किये नाटो का अंतिम देश है। उसने गुरुवार को ऐसा किया है। इसे लेकर तुर्की ने काफी विरोध जताया था, आखिर वह मान गया। तुर्की समारोह से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को अपने फैसले का आधिकारिक दस्तावेज सौंपेगा। फिर फिनलैंड अपनी सदस्यता को आधिकारिक रूप देने के लिए ब्लिंकन को अपने अंतिम दस्तावेज सौंपेगा।

पिछले साल यूक्रेन पर रूस के हमले से चिंतित फिनलैंड ने कई सालों तक सैन्य तौर पर गुटनिरपेक्ष रहने के बाद मई 2022 में नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। उसके पड़ोसी स्वीडन ने भी आवेदन किया था, लेकिन उसके गठबंधन में शामिल होने में कुछ वक्त लग सकता है। फिनलैंड और रूस के बीच 1340 किलोमीटर लंबी सीमा है। यह कदम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए रणनीतिक और राजनीतिक रूप से झटका है। वह लंबे अरसे से शिकायत करते आए हैं कि नाटो रूस की ओर विस्तार कर रहा है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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