'फाइव आइज' देशों ने चीन पर लगाए गंभीर आरोप, ट्रेड सीक्रेट्स और पर्सनल डेटा चोरी कर रहा ड्रैगन

Five Eyes countries: फाइव आइज द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बना एक सुरक्षा गठबंधन है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। यह वैश्विक खतरे के परिदृश्य पर नज़र रखता है और सभी देश एक-दूसरे से खुफिया जानकारी साझा करते हैं।

Xi Jinping

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

Five Eyes countries: चीन पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे हैं। इस बार फाइव आइज देशों की ओर से आरोप लगाया गया है कि चीन दुनिया के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रहा है और विभिन्न देशों की बौद्धिक संपदा, ट्रेड सीक्रेट और पर्सनल डेटा चुरा रहा है। चीन पर ये आरोप फाइव आइज देशों के इंटेलीजेंस लीडर्स की ओर से लगाए गए हैं।

इसमें कहा गया है कि चीन वैश्विक जासूसी अभियान चला रहा है और विभिन्न देशों के पर्सनल डेटा को चोरी कर रहा है। एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि विभिन्न देशों में चीन द्वारा डेटा चोरी के करीब 2000 मामलों की जांच चल रही है। बता दें फाइव आइज द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बना एक सुरक्षा गठबंधन है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। यह वैश्विक खतरे के परिदृश्य पर नज़र रखता है और सभी देश एक-दूसरे से खुफिया जानकारी साझा करते हैं।

तकनीक और नवाचार चुरा रहा चीन

एफबीआई निदेशक ने कहा, चीन में सत्तारूढ़ पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना एक निर्णायक खतरे का प्रतिनिधित्व कर रही है। उन्होंने कहा, ऐसा कोई देश नहीं है जो हमारे विचारों, हमारे नवाचार, हमारी आर्थिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए व्यापक खतरा पैदा कर रहा हो। लेकिन चीनी सरकार द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पूरे देश में बौद्धिक संपदा, ट्रेड सीक्रेट्स और व्यक्तिगत डेटा चुराने की कोशिशें देखी गईं। उन्होंने आगे कहा कि बड़ी कंपनियों से लेकर छोटे स्टार्टअप, कृषि, बायोटेक, स्वास्थ्य देखभाल, रोबोटिक्स, विमानन, अकादमिक अनुसंधान का डेटा चोरी किया जा रहा है।

सैन्य और शैक्षणिक डेटा भी चोरी कर रहा चीन

इसके अलावा, यूके एमआई5 के महानिदेशक केन मैक्कलम ने कहा कि चीन देश की सैन्य, सरकार के साथ-साथ शैक्षणिक डेटा को चुराने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, यह सिर्फ सरकारी रहस्यों या सैन्य रहस्यों के बारे में नहीं है। यह सिर्फ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के बारे में भी नहीं है। यह हमारे विश्वविद्यालयों में अकादमिक अनुसंधान के बारे में है। यह उभरती स्टार्टअप कंपनियों के बारे में है। इस दौरान फाइव आइज देशों केनेताओं ने चीन द्वारा चल रही वैश्विक जासूसी पर चिंता व्यक्त की।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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