SCO Summit: आज पाकिस्तान पहुंचेंगे जयशंकर, 9 साल बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री का पाक दौरा

पाकिस्तान ने एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया था। जयशंकर की पाकिस्तान की यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसे भारत की ओर से एक अहम निर्णय के रूप में देखा जा रहा है।

Jaishankar

एस जयशंकर

मुख्य बातें
  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर SCO सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज पाकिस्तान पहुंचेंगे
  • तनाव के बीच भारत की ओर से पाकिस्तान की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी
  • करीब नौ साल बाद यह पहला मौका है जब भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान की यात्रा करेंगे

SCO Summit: विदेश मंत्री एस. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज पाकिस्तान पहुंचने वाले हैं। पिछले कई वर्षों से दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में जारी तनाव के बीच भारत की ओर से पाकिस्तान की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी। अधिकारियों ने बताया कि इस्लामाबाद पहुंचने के तुरंत बाद विदेश मंत्री जयशंकर एससीओ सदस्य देशों के स्वागत के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मेजबानी में आयोजित स्वागत भोज में शामिल होंगे। दोनों पक्षों ने एससीओ शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन से इतर जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता से इनकार किया है।

9 साल बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री का पाक दौरा

करीब नौ साल बाद यह पहला मौका है जब भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान की यात्रा करेंगे, जबकि कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में अब भी बर्फ जमी हुई है। ऐसी सूचना है कि जयशंकर पाकिस्तान में 24 घंटे से भी कम समय रुकेंगे। पाकिस्तान एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद (सीएचजी) की बैठक की मेजबानी कर रहा है जो 15 और 16 अक्टूबर को होगी। पाकिस्तान की यात्रा करने वाली भारत की आखिरी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं। उन्होंने अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिसंबर 2015 में इस्लामाबाद की यात्रा की थी।

पाकिस्तान ने एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया था। जयशंकर की पाकिस्तान की यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसे भारत की ओर से एक अहम निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। एक कार्यक्रम में अपने हालिया संबोधन में जयशंकर ने कहा था, किसी भी पड़ोसी देश की तरह भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहेगा। लेकिन यह सीमापार आतंकवाद को नजरअंदाज करके और सीमा पार आतंकवाद खत्म करने की इच्छा करने से नहीं हो सकता।

2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद चरम पर तनाव

इस सम्मेलन के लिए वरिष्ठ मंत्री को भेजने का फैसला एससीओ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के लड़ाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में जबरदस्त तनाव आ गया था। पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने की भारत की घोषणा के बाद संबंध और बिगड़ गए। भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत से अपने राजनयिक संबंधों को सीमित कर लिया था।

भारत यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसा रिश्ता चाहता है जबकि उसने इस बात भी जोर दिया कि इस तरह की बातचीत के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी पड़ोसी देश पर है। पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मई 2023 में भारत की यात्रा की थी। करीब 12 साल बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की भारत की यह पहली यात्रा थी।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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