भारत-कतर के संबंधों को कैसे बनाया जाए और मजबूत? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोहा में बनाया प्लान

S Jaishankar Visit Qatar: एस जयशंकर ने दोहा में कतर और भारत के संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने पर चर्चा की। विदेश मंत्री की इस यात्रा में दोनों देश राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा, सांस्कृतिक और आम लोगों के बीच आपसी संबंधों के साथ-साथ कई क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की।

India and Qatar Relation

कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के साथ एस जयशंकर।

India and Qatar Relation: एक दिवसीय यात्रा पर रविवार को कतर की राजधानी दोहा पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वहां के नेताओं से भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने तथा आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने कतर की राजधानी पहुंचने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी से बातचीत की।

क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर पर हुआ विचार-विमर्श

अल थानी से मुलाकात के बाद जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया, 'राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और दोनों देशों की जनता के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बातचीत की। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर पर भी विचार-विमर्श किया। गाजा की स्थिति पर उनके दृष्टिकोण की सराहना करता हूं।' उन्होंने कतर के अमीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं भी दीं।

भारत-कतर के बीच ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंध

जयशंकर की यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था, 'भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। दोनों देशों के नेताओं व अन्य लोगों की नियमित यात्रा इसकी गवाह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 14-15 फरवरी को कतर का दौरा किया और वहां के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ चर्चा की।'

मंत्रालय ने कहा, 'विदेश मंत्री की यात्रा दोनों पक्षों को राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा, सांस्कृतिक और आम लोगों के बीच आपसी संबंधों के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों सहित द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने में सक्षम बनाएगी।'

पीएम मोदी ने इसी साल शुरुआत में की थी दोहा की यात्रा

इस साल की शुरुआत में अपनी दोहा यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी को कतर में आठ लाख से अधिक भारतीय समुदाय की देखभाल करने के लिए धन्यवाद दिया और कतर के साथ द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने व गहरा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

कतर के अमीर ने भी खाड़ी क्षेत्र में एक मूल्यवान भागीदार के रूप में भारत की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कतर के विकास में भारतीय समुदाय के योगदान और कतर में आयोजित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी की भी सराहना की।

लगभग 20 बिलियन डॉलर के करीब द्विपक्षीय व्यापार

प्रधानमंत्री की यात्रा के बाद विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा था, 'भारत-कतर द्विपक्षीय व्यापार लगभग 20 बिलियन डॉलर के करीब है और दोनों देशों के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में भी बहुआयामी साझेदारी है।' फरवरी में गोवा में आयोजित भारत ऊर्जा सप्ताह के मौके पर दोनों देशों ने कतर से भारत को 2028 से 20 वर्षों के लिए 7.5 एमएमटीपीए एलएनजी की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर की यह तीसरी आधिकारिक यात्रा है। इससे पहले उन्होंने 20 जून को श्रीलंका और 23 जून को यूएई का दौरा किया था।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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