हिंदुओं पर हमले के बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री पहुंचे बांग्लादेश, यूनुस से होगी मुलाकात, क्या हिंदू उत्पीड़न रुकेगा?

पूर्व पीएम शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत कई बार बांग्लादेश में हिन्दुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जता चुका है। लेकिन बांग्लादेश ने भारत की चिताओं को पूरी तरह खारिज कर दिया।

Vikram Misri

विक्रम मिस्री पहुंचे बांग्लादेश

Vikram Misri Arrives in Dhaka: बांग्लादेश से जारी तनाव के बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री आज ढाका पहुंचे। प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद अगस्त से तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के बीच विक्रम मिस्री ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद जाशिम उद्दीन के साथ बातचीत की। मिस्री भारतीय वायु सेना के जेट से ढाका पहुंचे। अगस्त में बड़े पैमाने पर विद्रोह के बाद हसीना के 15 साल के शासन को समाप्त करने के बाद नई दिल्ली से यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। बांग्लादेश विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट पर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा भी मौजूद थे।

यूनुस से भी मिलने का कार्यक्रम

यहां पहुंचने के तुरंत बाद मिस्री ने जाशिम उद्दीन से बातचीत की। वह देश के विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन से भी मुलाकात करेंगे। उनका बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख या मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से शिष्टाचार मुलाकात करने का भी कार्यक्रम है। हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर नई दिल्ली और ढाका के बीच संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच मिस्री की यात्रा हो रही है।

मिस्री का दौरा ऐसे वक्त पर हो रहा है जब बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न जारी है। बांग्लादेश सरकार लगातार भारत को लेकर आक्रामक है और भारत पर आए दिन कोई न कोई आरोप लगा रही है। हिंदुओं के उत्पीड़न का मामला दोनों देशों के बीच तनातनी का बड़ा कारण है।

बांग्लादेश की हेकड़ी

शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि विक्रम मिस्री इस दौरे में कई बैठकें करेंगे। पूर्व पीएम शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत कई बार बांग्लादेश में हिन्दुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जता चुका है। विदेश मंत्रालय ने साफ शब्दों में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का मामला उठाया जो बांग्लादेश को नागवार गुजरी। बांग्लादेश ने भारत की चिताओं को पूरी तरह खारिज कर दिया। बांग्लादेश ने यहां तक कह दिया कि भारत उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है।

शेख हसीना के भारत आने के साथ ही हिंदुओं का उत्पीड़न

अगस्त में शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़कर भारत आने के साथ ही नई कार्यवाहक सरकार और उसके प्रमुख मो. यूनुस ने भारत को निशाने पर लेना शुरू कर दिया। शेख हसीना के देश छोड़ने के साथ ही बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न शुरू हो गया। लोगों के घर जलाए गए, हत्याएं हुईं और मंदिरों को भी निशाना बनाया गया। इस बीच इस्कॉन भी बांग्लादेश के निशाने पर आ गया। कुछ संगठनों ने इस्कॉन को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग कर डाली।

चिन्मय कृष्णा दास गिरफ्तार

मामला तब गर्माया जब हिंदुओं के उत्पीड़न का विरोध कर रहे इस्कॉन सदस्य चिन्मय कृष्णा दास को देशद्रोह के आरोप में बांग्लादेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें जमानत भी नहीं दी गई और सीधे जेल भेज दिया गया। इसका विरोध कर रहे उनके समर्थकों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं और इसी झड़प में एक वकील की भी मौत हो गई जिसका आरोप भी चिन्मय दास पर लगाया गया। हद तो तब हो गई जब चिन्मय दास को वकील तक नहीं दिया गया।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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