फ्रांस ने रचा इतिहास, गर्भपात को संवैधानिक अधिकार बनाने वाला दुनिया का पहला देश बना
फ्रांस में 1974 के कानून के बाद से महिलाओं को गर्भपात का कानूनी अधिकार प्राप्त है, जिसकी उस समय कई लोगों ने कड़ी आलोचना की थी।
फ्रांस में ऐतिहासिक बिल पास
फ्रांस में गर्भपात के अधिकार को व्यापक स्वीकृति
अमेरिका और कई अन्य देशों की तुलना में फ्रांस में गर्भपात के अधिकार को अधिक व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि लगभग 80% फ्रांसीसी लोग इस तथ्य का समर्थन करते हैं कि गर्भपात कानूनी है। प्रधानमंत्री गेब्रियल अटल ने मतदान से पहले सांसदों से कहा, हम सभी महिलाओं को एक संदेश भेज रहे हैं। आपका शरीर आपका है और कोई भी आपके लिए निर्णय नहीं ले सकता।
1974 के कानून के बाद से अधिकार हासिल
फ्रांस में 1974 के कानून के बाद से महिलाओं को गर्भपात का कानूनी अधिकार प्राप्त है, जिसकी उस समय कई लोगों ने कड़ी आलोचना की थी। लेकिन महिलाओं के गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को मान्यता देने वाले रो बनाम वेड के फैसले को पलटने के अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के 2022 के फैसले ने कार्यकर्ताओं को फ्रांस को अपने मूल कानून में अधिकार की रक्षा करने वाला पहला देश बनने के लिए प्रेरित किया।
महिलाओं को दी फैसला लेने की आजादी
सोमवार को हुए मतदान में फ्रांसीसी संविधान के अनुच्छेद 34 में यह प्रावधान किया गया कि कानून उन स्थितियों को निर्धारित करता है जिनमें एक महिला को गर्भपात का सहारा लेने की गारंटीकृत स्वतंत्रता होती है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी के संसद के निचले सदन के प्रमुख येल ब्राउन-पिवेट ने कहा कि फ्रांस सबसे आगे है।
मरीन ले पेन का मैक्रो पर निशाना
वहीं, धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन ने कहा कि देश में गर्भपात के अधिकार के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन के कारण मैक्रो इसका इस्तेमाल राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए कर रहे हैं। ले पेन ने वर्सेल्स वोट से पहले संवाददाताओं से कहा, हम इसे संविधान में शामिल करने के लिए मतदान करेंगे क्योंकि हमें इससे कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे एक ऐतिहासिक कदम कहना अतिशयोक्ति होगी क्योंकि कोई भी फ्रांस में गर्भपात के अधिकार को खतरे में नहीं डाल रहा है। वहीं, एसोसिएशन ऑफ कैथोलिक फैमिलीज के अध्यक्ष पास्केल मोरिनिएर ने इस कदम को गर्भपात विरोधी प्रचारकों की हार बताया।
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