तनाव का एक और मोर्चा, बशर अल असद के खिलाफ फ्रांस ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट, जानें पूरा मामला

Bashar al Assad News: राष्ट्रपति असद के अलावा, उनके भाई, चौथे बख्तरबंद डिवीजन के कमांडर माहेर असद और सीरियाई सेना के दो जनरलों घासन अब्बास और बासम अल-हसन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं।

Bashar al Assad

बशर अल असद के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट।

Bashar al Assad : फ्रांस के न्यायाधीशों ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद, उनके भाई महर अल असद एवं दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। इनके खिलाफ यह गिरफ्तारी वारंट सीरिया में नागरिकों के ऊपर कथित रूप से प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के लिए हुआ है। समझा जाता है कि यह कदम मध्य पूर्व में एक और तनाव को जन्म दे सकता है और ध्रुवीकरण की लामबंदी तेज हो सकती है।

2013 के हमलों में करीब 1000 लोग मारे गए

बता दें कि अगस्त 2013 में डौमा और पूर्वी घोउटा पर हुए हमलों में 1,000 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए। दो रासायनिक हथियारों के हमलों की जांच फ्रांस में सार्वभौमिक क्षेत्राधिकार के तहत पेरिस न्यायिक न्यायालय की मानवता और युद्ध अपराधों के खिलाफ अपराधों की विशेष इकाई के जांच न्यायाधीशों द्वारा की गई। इसके बाद इन लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है।

सीरियाई सेना के दो जनरलों के खिलाफ भी वारंट

राष्ट्रपति असद के अलावा, उनके भाई, चौथे बख्तरबंद डिवीजन के कमांडर माहेर असद और सीरियाई सेना के दो जनरलों घासन अब्बास और बासम अल-हसन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले पेरिस बार की वकील जेने सुल्जर और क्लेमेंस विट तथा शिकायतकर्ता गैर सरकारी संगठनों ने बुधवार के फैसले की सराहना की।

गिरफ्तार हो सकते हैं चारो लोग

सुल्जर ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को फोन पर बताया, ‘यह किए गए अपराधों की गंभीर प्रकृति को पहचानने वाले कानून के तहत एक सकारात्मक कदम का प्रतीक है।’ पेरिस अभियोजक के कार्यालय ने गिरफ्तारी वारंट पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है क्योंकि यह जारी जांच के बीच फ्रांसीसी कानून के तहत गोपनीय है। सुल्जर ने कहा, ‘कानूनी तौर पर कहें तो यह एक प्रक्रियात्मक कार्य है क्योंकि पूर्वी घोउटा और डौमा में 2013 के हमलों की जांच जारी है।’ उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी वारंट में नामित चार व्यक्तियों को ‘गिरफ्तार किया जा सकता है और जांच न्यायाधीशों द्वारा पूछताछ के लिए फ्रांस लाया जा सकता है।’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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