अमेरिका में दो बार राष्ट्रपति बनने की है परंपरा, इस इकलौते शख्स के नाम है 4 बार इस पद पर पहुंचने का रिकॉर्ड

Franklin D. Roosevelt : अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन थे। दो बार राष्ट्रपति रहने के जॉर्ज वाशिंगटन सक्रिय राजनीति से दूर हो गए और रिटायरमेंट ले लिया। इसके बाद से ही अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर दो कार्यकाल की एक तरह की परंपरा बन गई। इस परंपरा का पालन 1931 तक होता रहा।

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अमेरिका में दो बार राष्ट्रपति बनने की है परंपरा।

मुख्य बातें
  • अमेरिका में दो बार ही राष्ट्रपति बनने की परंपरा और नियम है
  • साल 1932 में एफडीआर पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए
  • तीसरे टर्म के लिए 1940 में चुने गए, चौथा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए

Franklin D. Roosevelt : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए पांच नवंबर को मतदान होगा। इसके लिए तैयारी पूरी हो गई है। चुनाव प्रचार अपने अंतिम घंटों में पहुंच गया है। इस पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं जबकि डेमोक्रेट प्रत्याशी एवं उप राष्ट्रपति कमला हैरिस पहली बार इस पद की रेस में हैं। अमेरिका में आम तौर पर दो बार राष्ट्रपति बनने की परंपरा है। यह परंपरा कई दशकों से चली आ रही है। तीसरी बार चुनाव जीतने की प्रबल उम्मीद और लोकप्रियता बरकरार रहने के बावजूद लोग इस पद की रेस से पीछे हट जाते हैं लेकिन अमेरिकी इतिहास में एक बार ऐसा भी हुआ है जब एक शख्स चार बार इस पद पर आसीन हुआ। हालांकि, वह अपना चौथा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव हारने वाले राष्ट्रपतियों में यूलीसेज एस ग्रांट और वुडरो विल्सन जैसों का नाम शामिल है।

1932 में अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति बने रूजवेल्ट

हम बात कर रहे हैं फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट की। साल 1932 में रूजवेल्ट अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति बने। इसके बाद 1936 में हुए चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की। रूजवेल्ट तीसरे टर्म के लिए 1940 में भी चुने गए और इन्होंने अपना यह कार्यकाल पूरा किया। यह ऐसा दौर था जब दुनिया मंदी से गुजर रही थी और दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो गई थी। इस संकट के समय 1944 में रूजवेल्ट चौथी बार चुनाव में उतरे और उन्होंने जीत दर्ज की लेकिन वह अपना चौथा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। 12 अप्रैल 1945 में उनकी मौत हो गई।

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पहले राष्ट्रपति दो बार ही पद पर रहे

अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन थे। दो बार राष्ट्रपति रहने के जॉर्ज वाशिंगटन सक्रिय राजनीति से दूर हो गए और रिटायरमेंट ले लिया। इसके बाद से ही अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर दो कार्यकाल की एक तरह की परंपरा बन गई। इस परंपरा का पालन 1931 तक होता रहा। हालांकि, बाद में 1947 में अमेरिकी संविधान में संशोधन किया गया। इस संशोधन में यह नियम बनाया गया कि कोई व्यक्ति दो बार ही राष्ट्रपति बन सकता है। ऐसा सत्ता के विकेंद्रीकरण और नई विचारधारा सामने लाने के लिए किया गया।

अब दो बार से अधिक राष्ट्रपति नहीं बन सकते

ऐसा नहीं है कि रूजवेल्ट से पहले तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की कोशिश नहीं हुई। कई ऐसे राष्ट्रपति रहे जिन्होंने तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ा लेकिन इनमें से किसी को भी लगातार तीसरे टर्म के लिए सफलता नहीं मिली। लेकिन रूजवेल्ट के साथ ऐसा नहीं था। चौथे टर्म के समय भी लोगों के बीच इनकी लोकप्रियता काफी अधिक थी। इस चुनाव में इन्हें 54 फीसदी पॉपुलर वोट मिले। इस चुनाव में रूजवेल्ट ने अपने प्रतिद्वंद्वी डेवे को बड़े अंतर से हराया। राष्ट्रपति का कार्यकाल दो बार तक सीमित करने के लिए दो तिहाई बहुमत के साथ संविधान में 22वां संशोधन हुआ। इस संशोधन में कहा गया कि 'कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति कार्यालय के लिए दो बार से ज्यादा नहीं चुना जाएगा।' इस संशोधन के बाद से ही अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर दो बार ही कोई व्यक्ति अपनी सेवा दे सकता है।

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आलोक कुमार राव author

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