'सिटी ऑफ लाइट' कहलाने वाला पेरिस क्यों बन गया 'Garbage City'? समझें- क्या है पूरे विवाद की जड़
ब्रिटेन से वहां घूमने पहुंचीं 24 साल की नादिया टर्के ने समाचार एजेंसी एपी से कहा- यहां कूड़ा-कचरा कुछ ज्यादा ही हो गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसकी वजह से कुछ रास्तों से लोगों का निकलना मुश्किल हुआ। ईमानदारी से बताऊं तो यह बेहद परेशान करने वाला है, क्योंकि जब आप खूबसूरत सड़कों पर हर जगह आप इस तरह की गंदगी देखते हैं, तब मन खट्टा सा हो जाता है।
पेरिस की सड़क पर कूड़े-कचरे के बैग्स के पास से गुजरता एक शख्सष (फाइल)
पेरिस...यह सिर्फ फ्रांस की राजधानी भर नहीं है, बल्कि दुनिया भर में सिटी ऑफ लाइट के तौर पर मशहूर है। आइफिल टावर हो या फिर वहां का फैशन और लग्जरी...अक्सर ये चीजें लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन जाती हैं, मगर हाल-फिलहाल में यह शहर कूड़े-कचरे और गंदगी के ढेर के चलते सुर्खियों में आया है।
दरअसल, वहां एक बिल को लेकर यह पूरा विवाद पनपा है और विरोध के स्वर इतने बुलंद हो गए कि सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के मद्देनजर सड़कों से कूड़ा उठना बंद हो गया। साफ-सुथरी सड़कों पर जगह-जगह कूड़े-कचरे के ढेर लगे नजर आए, जबकि 14 मार्च, 2023 तक 7000 टन से अधिक कचरा जमा हो गया था, जबकि फ्रांस के बाकी शहरों में भी यह समस्या देखने को मिली, मगर पेरिस के हालात सर्वाधिक खराब रहे।
पेरिस का जो मौजूदा समय में हाल है, उसे लेकर हड़ताली (कूड़ा इकट्ठा करने वाले, सड़कें साफ करने वाले और अंडरग्राउंड सीवर साफ करने वाले) भी थोड़ा चिंतित हैं। नौ दिनों से विरोध प्रदर्शन करने वाले गर्सल दुर्नाज ने बताया कि हर जगह बिन और वे भरे हुए हैं। हम इस सब से वाकिफ हैं। राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां को अपने प्लान को वापस ले लेना चाहिए। पेरिस तीन दिन में साफ हो जाएगा।
चूंकि, इस सुधार को एक बड़ा वर्ग गलत मान रहा है। हार्ड लेफ्ट सीजीटी यूनियन के मुताबिक, रिफ्यूज कलेक्टर्स और ड्राइवर्स मौजूदा समय में 57 साल की उम्र में रिटायर हो सकते हैं, पर उन्हें काम में रिफॉर्म प्लान के तहत दो साल और सेवा में रहना होगा।
...तो यह है विवाद की जड़फ्रांस में परिवहन, ऊर्जा और बंदरगाह सरीखे सेक्टर्स में हड़ताल के बावजूद वहां की सरकार अप्रचलित पेंशन सुधार विधेयक (पेंशन रिफॉर्म बिल) को आगे बढ़कर संसद में पास कराना चाहती है। इसी पर सारा विवाद पनपा है, जो रिटायरमेंट (सेवानिवृत्ति) की उम्र को अधिकतर लोगों के लिए 62 से बढ़ाकर 64 कर देगा और सैनिटेशन सेक्टर (सफाई से जुड़े काम) वालों के लिए 57 से 59 कर देगा।
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