G 7 Summit : यूक्रेन को मिलेगा 50 अरब डॉलर का लोन लेकिन किश्त रूस चुकाएगा, पुतिन बोले-इसकी सजा मिलेगी
G 7 Summit 2024: व्हाइट हाउस ने इस डील के बारे में कहा है कि वाशिंगटन यानी अमेरिका और कीव मतलब यूक्रेन दोनों मिलकर यूक्रेन की सैन्य ताकत बाढ़ाएंगे। देश के रक्षा उद्योग को मजबूती देने के साथ-साथ आर्थिक रूप से उसे दोबारा खड़ा करने और ऊर्जा सुरक्षा कायम करने की दिशा में काम करेंगे।
जी-7 समिट में लोन देने पर हुआ फैसला।
G 7 Summit 2024: जी -7 के देश रूस के खिलाफ जंग लड़ने और अपने नुकसान की भरपाई करने के लिए यूक्रेन को 50 अरब डॉलर का लोन देने के लिए तैयार हुए हैं लेकिन खास बात यह है कि इतनी भारी-भरकम लोन का भुगतान वे अपनी जेब से नहीं बल्कि रूसी की संपत्तियों पर जो ब्याज इकट्ठा हुआ है उससे होगा। इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि यूक्रेन को पश्चिमी देशों से लोन मिलेगा 50 अरब डॉलर लेकिन इसकी किश्त या कहिए ईएमआई रूस भरेगा। यानी रूस का पैसा उसके ही खिलाफ युद्ध में इस्तेमाल होगा।
यूक्रेन को लोन देने पर हुआ फैसला
जी-7 समिट हर बार की तरह इस बार भी सुर्खियों में है। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, कनाडा, जापान, इटली और यूरोपीय यूनियन के नेता एक मंच पर इतने दिन साथ होंगे तो वैश्विक हलचल होनी तो तय ही है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी नया रंग भर देती है। हर बार की तरह इस बार भी वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। द्विपक्षीय बैठकें और करार और समझौते हुए लेकिन जिस डील ने सबसे ज्यादा ध्यान अपनी और खींचा। वह रूस-यूक्रेन युद्ध पर यूक्रेन को लोन देने पर हुआ फैसला है।
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अमेरिका और यूक्रेन के बीच 10 वर्षों का सुरक्षा समझौता
यहां एक बात और है। इस लोन के बारे में बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह रूस को याद दिला रहे हैं कि यूक्रेन की सहायता करने में पश्चिमी देश पीछे नहीं हटेंगे। वे उसकी मदद करते रहेंगे। इसी सम्मेलन में यूक्रेन और अमेरिका के बीच 10 वर्षों के लिए द्विपक्षीय सुरक्षा समझौता भी हुआ है जिसे जेलेंस्की ने ऐतिहासिक बताया। इस समझौते के तहत अमेरिका, रूस से जंग लड़ने के लिए यूक्रेन के सैनिकों को ट्रेनिंग देगा।
अमेरिका के दोनों हाथों में लड्डू
व्हाइट हाउस ने इस डील के बारे में कहा है कि वाशिंगटन यानी अमेरिका और कीव मतलब यूक्रेन दोनों मिलकर यूक्रेन की सैन्य ताकत बाढ़ाएंगे। देश के रक्षा उद्योग को मजबूती देने के साथ-साथ आर्थिक रूप से उसे दोबारा खड़ा करने और ऊर्जा सुरक्षा कायम करने की दिशा में काम करेंगे। यानी कि लोन का मोटा पैसा जो कि रूस का है। वह अमेरिका के पास जाएगा। जाहिर है कि रूस का यह पैसा यूक्रेन होते हुए वापस अमेरिका के पास जाएगा...यानि कि अमेरिका के दोनों हाथों में लड्डू हैं।
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जवाबी कार्रवाई कर सकता है रूस
जी-7 और यूक्रेन के बीच हुए इस डील पर रूस की करीबी नजर थी। जैसे ही अपनी संपत्तियों पर लोन की बात सामने आई। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आग बबूला हो गए। उन्होंने साफ-साफ कहा कि यह चोरी है और चोरी करने वालों को सजा मिलेगी। अपना पैसा यूक्रेन को देने पर मास्को ने कहा है कि यह क्रिमिनल एक्ट है। जाहिर है कि रूस अब चुप नहीं बैठेगा। वह भी जवाबी कार्रवाई करेगा। रिपोर्टों की मानें तो यूरोपीय देशों का रूस में 33 अरब पौंड की संपत्तियां हैं। अपने इस कदम के बाद अमेरिका ने यूरोपीय संपत्तियों को जब्त करने के लिए रूस को मौका दे दिया है।
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