Global Temperature: सबसे अधिक गर्म साल रहा 2023, दुनियाभर में 1 लाख वर्षों का टूटा रिकॉर्ड
Global Temperature: दुनिया भर में लगातार तापमान बढ़ता जा रहा है। 1,00,000 से अधिक वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया। वर्ष 2023 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष रहा है। स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर लैंसेट काउंटडाउन के लेटेस्ट एडिशन में बड़ा खुलासा किया गया है।
ग्लोबल तापमान का रिकॉर्ड टूटा
Global Temperature: वर्ष 2023 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष रहा है। दुनिया भर में तापमान 1,00,000 से अधिक वर्षों में सबसे गर्म ग्लोबल टेंपरेचर देखा गया है। 2022 तक सभी महाद्वीपों में गर्मी के रिकॉर्ड टूट गए हैं। स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर लैंसेट काउंटडाउन के लेटेस्ट एडिशन में बड़ा खुलासा किया गया है। अगर जलवायु परिवर्तन न रोका गया तो लोगों के हेल्थ के लिए गंभीर खतरा हो सकता है। दुनिया भर में सदी के मध्य तक गर्मी से होने वाली मौतों में 4.7 गुना वृद्धि होने की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जलवायु निष्क्रियता की कीमत कितनी है आज जीवन और आजीविका पड़ रहा है। 2022 में व्यक्ति औसतन 86 दिनों तक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक उच्च तापमान के संपर्क में रहे। जिनमें से 60 प्रतिशत में मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन के कारण होने की संभावना कम से कम दोगुनी थी।
अध्ययन के लेटेस्ट आंकड़ों से दुनिया भर में अरबों लोगों के स्वास्थ्य और अस्तित्व व तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की कार्रवाई में किसी भी और देरी से सेविनाशकारी खतरे का पता चलता है। दुनिया के साथ वर्तमान में 2100 तक 2.7 डिग्री सेल्सियस तापमान पर और 2022 में ऊर्जा से संबंधित उत्सर्जन एक नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों का जीवन अधर में लटक गया है। आज दुनिया भर में जीवन और आजीविका खतरे में है। 2 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म दुनिया के अनुमान एक खतरनाक भविष्य को दर्शाता है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के नेतृत्व में 8वीं लैंसेट काउंटडाउन रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) सहित दुनिया भर के 52 अनुसंधान संस्थानों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के 114 प्रमुख विशेषज्ञों के काम का प्रतिनिधित्व करती है। जो स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन के बीच संबंधों का आकलन नवीनतम जानकारी प्रदान करती है। 28वें संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP) से पहले प्रकाशित रिपोर्ट में 47 संकेतक प्रस्तुत किए गए हैं जिनमें नए और बेहतर मेट्रिक्स शामिल हैं जो घरेलू वायु प्रदूषण, जीवाश्म ईंधन के वित्तपोषण और जलवायु शमन के स्वास्थ्य सह-लाभों पर अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी की निगरानी करते हैं। बदलती जलवायु के बढ़ते स्वास्थ्य नुकसान से लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियां रक्षा की पहली पंक्ति हैं। लेकिन मौजूदा 1.14 डिग्री सेल्सियस तापमान भी स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर दबाव डाल रहा है। सर्वेक्षण में शामिल 27 प्रतिशत (141/525) शहरों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से प्रभावित होने वाली उनकी स्वास्थ्य प्रणालियों पर चिंता व्यक्त की है।
रिपोर्ट के लेखकों ने सरकारों, कंपनियों और बैंकों की लापरवाही को उजागर किया है जो तेल और गैस में निवेश जारी रखते हैं क्योंकि अनुकूलन की चुनौतियां और लागत बढ़ रही हैं और दुनिया अपरिवर्तनीय नुकसान के करीब पहुंच रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के मूल कारणों से निपटने के लिए गहन और त्वरित उपाय के बिना मानवता का स्वास्थ्य गंभीर खतरे में है। रिपोर्ट का नया क्षेत्रीय खंड जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य प्रभावों के विभिन्न और असमान अनुभवों पर प्रकाश डालता है। लेखक इस अवसर की रूपरेखा प्रस्तुत करते हैं कि एक उचित ऊर्जा परिवर्तन स्वास्थ्य असमानताओं को कम करने और सभी आबादी के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करने की पेशकश करता है। रिपोर्ट के लेखकों ने तर्क दिया है कि कठोर निष्कर्षों को बेहतर ऊर्जा पहुंच और सुरक्षा, स्वच्छ हवा, सुरक्षित पेयजल, स्वस्थ आहार और जीवनशैली और अधिक रहने योग्य शहर के माध्यम से विश्व आबादी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए परिवर्तनकारी अवसर प्रदान करते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था को शून्य-कार्बन स्तर पर स्थानांतरित करने के लिए तत्काल स्वास्थ्य-केंद्रित जलवायु कार्रवाई को मजबूर करना चाहिए।
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रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें
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