आखिर इतने बड़े हमले की भनक क्यों नही लगी? मोसाद ही नहीं अमेरिकी इंटेलिजेंस पर भी उठ रहे सवाल
Hamas Attack On Israel : इजरायल पर जिस तरह का हमला हुआ है, वह बेहद चौंकाने वाला है। जल, थल और नभ से हमास के लड़ाके इजरायल में दाखिल हुए घरों में घुसकर और सड़कों पर नरसंहार किया। रिपोर्टों की मानें तो सैकड़ों लोगों जिनमें इजरायल सहित कई दूसरे देशों के नागरिक शामिल हैं, उन्हें अगवा कर गाजा पट्टी में रखा गया है।
घायल इजरायल नागरिकों को ले जाते सुरक्षाकर्मी।
Hamas Attack On Israel : इजरायल पर आतंकवादी संगठन हमास के हमलों के बाद दुनिया सन्न है। इजरायल और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों को इतने बड़े एवं नियोजित हमलों की भनक क्यों नहीं लग पाई, इसे लेकर कई तरह की सवाल उठ रहे हैं। हमास के हमलों में अब तक इजरायल में 700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इजरायल के जवाबी हमले में करीब 413 लोगों की जान गई है। कुल मिलाकर अब तक इन हमलों में 1100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
इजरायल में हमास ने खेला 'खूनी खेल'
इजरायल पर जिस तरह का हमला हुआ है, वह बेहद चौंकाने वाला है। जल, थल और नभ से हमास के लड़ाके इजरायल में दाखिल हुए घरों में घुसकर और सड़कों पर नरसंहार किया। रिपोर्टों की मानें तो सैकड़ों लोगों जिनमें इजरायल सहित कई दूसरे देशों के नागरिक शामिल हैं, उन्हें अगवा कर गाजा पट्टी में रखा गया है। बताया जा रहा है कि हमास इन अगवा लोगों का इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में करेगा या इनके बदले इजरायल की जेलों में बंद अपने लोगों की रिहाई की मांग करेगा। रिपोर्टों की मानें तो हमलों में 250 से ज्यादा हमास कमांडर थे और उनके साथ हजारों की संख्या में उनके अन्य कैडर थे।
मोसाद और सीआईए को भनक नहीं लग पाई
हमलों के तरीकों और इसके आकार को देखते हुए जानकार इसे सामान्य हमला नहीं मान रहे हैं। इसे बेहद सोची-समझी रणनीति एवं तैयारी के साथ अंजाम दिया गया है। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की गिनती दुनिया की बेहतरीन इंटेलिजेंस एजेंसी के रूप में होती है। वह हमास एवं अन्य आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर करीबी नजर रखती है। यही नहीं, अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के साथ उसका बेहतर तालमेल है। फिर भी हमास उनके नाक के नीचे इतनी बड़ी साजिश रचने एवं हमला करने में कामयाब हो गया, इससे दोनों एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं।
इतने बड़े हमले का अंदेशा नहीं था
जानकारों का कहना है कि इजरायल को इस बात की जरा भी अंदेशा नहीं रहा होगा कि हमास उसके भीतर दाखिल होकर इतना बड़ा हमला कर सकता है। इंटेलिजेंस में इजरायल की मदद करने वाला अमेरिका को भी इसके बारे में भनक नहीं लग पाई। यह एक बहुत बड़ी खुफिया विफलता है। इजरायल के लिए इसे 9/11 माना जा रहा है। इजरायल पर यह हमला तब हुआ जब वह सन् 1973 के युद्ध की 50वीं सालगिरह मना रहा था। उस समय इजरायल ने अरब युद्ध में जीत हासिल की थी। यह अवसर इजरायल के लिए खास था जबकि हमास ने इस दिन को जानबूझकर हमले के लिए चुना।
इजरायल को 8 अरब डॉलर की मदद
अपने सहयोगी देश इजरायल पर भीषण हमले के बाद अमेरिका उसे हथियार से लेकर पैसों की मदद करने के लिए सामने आया है। वह आर्थिक-सैन्य मदद के रूप में इजरायल को 8 अरब डॉलर दे रहा है। रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने नौसेना के ‘फोर्ड कैरियर स्ट्राइक ग्रुप’ को इजराइल की सहायता के लिए तैयार रहने के मकसद से पूर्वी भूमध्य सागर जाने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि यूएसएस गेराल्ड आर. फोर्ड, इसके लगभग 5,000 नौसैन्य कर्मियों और युद्धक विमानों के साथ क्रूजर और विध्वंसकों को भेजा जाएगा।
बेहत उन्नत एवं आधुनिक है ‘कैरियर स्ट्राइक ग्रुप’
अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिला है कि हमलों में कम से कम चार अमेरिकी नागरिकों की मौत हो गई है और सात अन्य अमेरिकी लापता हैं। अमेरिका फोर्ड के अलावा क्रूजर ‘यूएसएस नॉरमैंडी’, विध्वंसक ‘यूएसएस थॉमस हडनर’, ‘यूएसएस रैमेज‘, ‘यूएसएस कार्नी’ और ‘यूएसएस रूजवेल्ट’ को भी भेज रहा है। इसके अलावा अमेरिकी वायु सेना के एफ-35, एफ-15, एफ-16 और ए-10 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन को भी क्षेत्र में भेजा जा रहा है। ‘कैरियर स्ट्राइक ग्रुप’ पहले से ही भूमध्य सागर में था। उसने पिछले सप्ताह इटली के साथ आयोनियन सागर में नौसैनिक अभ्यास किया था। यह अमेरिका का नवीनतम एवं सबसे उन्नत विमानवाहक पोत है और यह इसकी पहली पूर्ण तैनाती है।
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
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