हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामला: सबूत पेश करे कनाडा, भारत जांच को तैयार, बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

Khalistani Separatist Hardeep Singh Nijjar Murder Case: खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंदन में पत्रकार लियोनेल बार्बर के साथ बातचीत में कहा कि भारत जांच के लिए तैयार है बशर्ते कनाडा सबूत पेश करे।

Foreign Minister S Jaishankar, Khalistani Separatist Hardeep Singh Nijjar Murder Case

विदेश मंत्री जयशंकर ने निज्जर हत्या मामले में कनाडा से मांगे सबूत

Khalistani Separatist Hardeep Singh Nijjar Murder Case: खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने जांच से इनकार नहीं किया है। साथ कहा कि कनाडा ने निज्जर की हत्या में शामिल भारतीय एजेंटों के खिलाफ कोई सबूत शेयर नहीं किया है। कनाडा ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था। विदेश मंत्री की यह टिप्पणी लंदन में पत्रकार लियोनेल बार्बर के साथ 'कैसे एक अरब लोग दुनिया को देखते हैं' (How a Billion People See the World) शीर्षक पर बातचीत के दौरान आई। भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक संकट के बीच कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले हफ्ते कहा था कि कनाडा भारत के साथ लड़ाई नहीं चाहता है लेकिन अगर बड़े देश बिना परिणाम के अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर सकते हैं, तो पूरी दुनिया सभी के लिए अधिक खतरनाक हो जाती है।

ब्रिटेन की 5 दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर लंदन आए जयशंकर ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर आपके पास ऐसा आरोप लगाने का कोई कारण है तो कृपया सबूत शेयर करें क्योंकि हम जांच से इनकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कनाडा ने अपने आरोप के समर्थन में भारत के साथ कोई सबूत शेयर नहीं किया है। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संभावित शामिल होने के संबंध में सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के संबंध तनावपूर्ण हो गए। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया।

जयशंकर ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा कि भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक निश्चित जिम्मेदारी के साथ आती है और उन स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग तथा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उस दुरुपयोग को बर्दाश्त करना बहुत गलत होगा। उन्होंने कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर हमले या उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास पर बम हमलों का जिक्र किया और कहा कि भारतीय राजनयिकों को सार्वजनिक रूप से डराया गया था जबकि कनाडाई अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इस मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि हमें लगता है कि कनाडाई राजनीति ने हिंसक और अतिवादी राजनीतिक विचारों को जगह दी है जो हिंसक तरीकों सहित भारत से अलगाव की वकालत करते हैं। इन लोगों को कनाडाई राजनीति में समायोजित किया गया है।

पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री ट्रूडो ने रेखांकित किया कि कनाडा भारत के साथ अभी कोई लड़ाई नहीं चाहता था लेकिन उन्होंने अपने आरोपों को दोहराया और कहा कि ओटावा इस बहुत गंभीर मामले पर नई दिल्ली के साथ रचनात्मक रूप से काम करना चाहता है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि भारत ने कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर अपनी गंभीर चिंताओं से अमेरिकी पक्ष को अवगत कराया है। क्वात्रा ने हाल में नयी दिल्ली में कहा कि जहां तक कनाडा का सवाल है, हम अपने सभी दोस्तों और साझेदारों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। इस मामले पर अपनी स्थिति के बारे में हमने कई मौकों पर विस्तार से बताया और समझाया है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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