पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए पहली बार किसी हिंदू महिला ने भरा नामांकन, जानिए कौन हैं सवीरा परकाश
Saveera Parkash: एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से 2022 में स्नातक परकाश बुनेर में पीपीपी महिला विंग के महासचिव के रूप में काम कर रही हैं।
सवीरा परकाश ने भरा नामांकन
Saveera Parkash: खैबर पख्तूनख्वा के बुनेर जिले में एक हिंदू महिला ने पहली बार पाकिस्तान में आगामी चुनावों के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। पाकिस्तान में 16वीं नेशनल असेंबली के सदस्यों के चुनाव के लिए 8 फरवरी, 2024 को आम चुनाव होने हैं। सवीरा प्रकाश ने आधिकारिक तौर पर बुनेर जिले में पीके-25 की सामान्य सीट के लिए अपना नामांकन पत्र जमा किया है। हिंदू समुदाय की सवीरा अपने पिता ओम प्रकाश पिछले 35 वर्षों से पीपीपी के एक समर्पित सदस्य हैं। वह एक सेवानिवृत्त डॉक्टर है और उनके नक्शेकदम पर चलते हुए सवीरा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रही हैं। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, कौमी वतन पार्टी से जुड़े सलीम खान ने कहा कि सवीरा बुनेर से सामान्य सीट पर आगामी चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने वाली पहली महिला हैं।
मेडिकल कॉलेज से स्नातक हैं सवीरा
एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से 2022 में स्नातक परकाश बुनेर में पीपीपी महिला विंग के महासचिव के रूप में काम कर रही हैं। महिलाओं के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करने, सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की वकालत करने की इच्छा जताई है। उन्होंने विकास क्षेत्र में महिलाओं की ऐतिहासिक उपेक्षा और दमन पर भी जोर दिया और निर्वाचित होने पर उनका लक्ष्य इन मुद्दों को सुलझाना है।
महिलाओं के लिए काम करने की इच्छा
डॉन के साथ एक इंटरव्यू मे सवीना ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए क्षेत्र के वंचितों के लिए काम करने की अपनी आकांक्षाओं के बारे में बात की। उन्होंने 23 दिसंबर को अपना नामांकन पत्र जमा किया और उम्मीद जताई कि पीपीपी का वरिष्ठ नेतृत्व उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करेगा। मेडिकल पृष्ठभूमि वाली सवीना ने कहा कि मानवता की सेवा करना मेरे खून में है। विधायक बनने का उनका सपना मेडिकल करियर के दौरान सरकारी अस्पतालों में खराब प्रबंधन और लाचारी के अनुभवों से उपजा है।
स्थानीय लोगों का मिला समर्थन
बुनेर में सोशल मीडिया में असर रखने वाले इमरान नोशाद खान ने सवीरा परकाश की राजनीतिक संबद्धता के बावजूद उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने पारंपरिक पितृसत्ता की रूढ़िवादिता को तोड़ने के लिए उनकी सराहना की और उस क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए एक महिला के आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया जहां बुनेर का पाकिस्तान में विलय होने में 55 साल लग गए। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान चुनाव आयोग के हालिया संशोधनों में सामान्य सीटों पर पांच प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को शामिल करना अनिवार्य है।
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