अमेरिका में कैसे चुना जाता है नया राष्ट्रपति? जानें क्या है 'इलेक्टोरल कॉलेज' सिस्टम

US Presidential Election: क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुने जाने की प्रक्रिया क्या है, इस देश में नया राष्ट्रपति कैसे चुना जाता है? ये चुनाव लोगों द्वारा सीधी वोटिंग के जरिए नहीं होता है। आपको अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी अहम बातें समझाते हैं और ये भी बताते हैं कि आखिर 'इलेक्टोरल कॉलेज' सिस्टम क्या है।

कमला हैरिस vs डोनाल्ड ट्रंप

World News: दुनिया की निगाह अमेरिका में 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर टिकी है। अगर आप सोचते हैं कि अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव लोगों द्वारा सीधी वोटिंग के जरिए होता है तो ऐसा नहीं है। 2016 में, हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप से करीब 28,00,000 अधिक डायरेक्ट पापुलर वोट हासिल किए थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2000 में, जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अल गोर को हराया। हालांकि डेमोक्रेटिक उम्मीदवार गोर ने पांच लाख से अधिक मतों से पापुलर वोट जीता था।

सीधे पापुलर वोट से तय नहीं होते हैं चुनावी नतीजे

ऐसा इलेक्टोरल कॉलेज की वजह से हुआ था - यह यूएस प्रेसिडेंट चुनाव की एक अनूठी प्रणाली है जिसकी वजह से नतीजे सीधे पापुलर वोट से तय नहीं होते हैं। पापुलर वोट देश भर के नागरिकों द्वारा डाले गए व्यक्तिगत वोटों की कुल संख्या को कहते हैं। यह लोगों की प्रत्यक्ष पसंद को दर्शाता है, जहां हर वोट को समान रूप से गिना जाता है। अब बात करते हैं इलेक्टोरल कॉलेज की।

वोट के आधार पर राष्ट्रपति के लिए वोट करते हैं इलेक्टर

5 नवंबर को अमेरिकी वोटर्स डेमोक्रेट कमला हैरिस या रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप के लिए वोट करेंगे। लेकिन वे वोट सीधे तौर पर यह निर्धारित नहीं करेंगे की कौन जीतेगा। अमेरिकी जब वोट देते हैं, तो वे वास्तव में उन इलेक्टर के ग्रुप के लिए वोट कर रहे होते हैं जो उनकी पसंद का प्रतिनिधित्व करेंगे। ये इलेक्टर फिर अपने राज्य के भीतर लोकप्रिय वोट के आधार पर राष्ट्रपति के लिए वोट करते हैं। दरअसल यूएस प्रेसिडेंशियल चुनाव राष्ट्रीय मुकाबले की जगह पर राज्य-दर-राज्य मुकाबला है।

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