संकट में इमरान खान, करीबी नेताओं ने एक-एक कर साथ छोड़ा, कहीं भुट्टो जैसा न हो जाए अंजाम
इमरान के करीबी रहे पूर्व मंत्री धीरे-धीरे इमरान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) छोड़ रहे हैं। उधर, शहबाज सरकार भी उनकी पार्टी पर पाबंदी लगाने की जुगत में है।
शिरीन मजारी ने छोड़ा साथ
पहला बड़ा नाम था शिरीन मजारी का। पाकिस्तान में उठापटक और इमरान की गिरफ्तारी के बाद से ही इमरान के करीबियों पर पुलिस और सेना शिकंजा कसने लगी थी। इसी सिलसिले में इमरान की करीबी नेता शिरीन मजारी को निशाना बनाया गया। 12 मई के बाद से मजारी को चौथी बार गिरफ्तार किया गया। इस बार रिहाई के बाद मजारी ने सक्रिय राजनीति से दूर होने का ऐलान करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मजारी ने इमरान खान के शासन में 2018 से 2022 तक मानवाधिकार मंत्री के रूप में काम किया था।
फवाद चौधरी भी हुए दूर
दूसरा बड़ा नाम रहा फवाद चौधरी का जो इमरान सरकार में सूचना मंत्री थे। फवाद चौधरी ने बुधवार 24 मई को ट्वीट कर अपने इस्तीफे का ऐलान किया। उन्होंने लिखा- "मेरे पहले के बयान जिसमें मैंने 9 मई की घटनाओं की स्पष्ट रूप से निंदा की थी, उस पर आगे बढ़ते हुए अब मैंने राजनीति से ब्रेक लेने का फैसला किया है, इसलिए मैंने पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया है और मैं इमरान खान से अलग हो रहा हूं।"
असद उमर भी गए
इमरान खान को एक और झटका देते हुए उनके करीबी सहयोगी असद उमर ने भी बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के महासचिव और कोर कमेटी के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया। पूर्व कैबिनेट मंत्री आमिर कियानी और मलिक अमीन असलम सहित पीटीआई के कई सदस्य पहले ही भ्रष्टाचार के एक मामले में इमरान की गिरफ्तारी और 9 मई की हिंसा के बाद से इमरान खान से अलग हो गए हैं। इसी तरह इमरान खान के फाइनेंसर फैयाज-उल-चौहान ने भी पार्टी से अलग होने की घोषणा की है।
पद छोड़ने वाले अधिकांश पीटीआई नेताओं ने 9 मई को नागरिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले और हिंसा का हवाला देते हुए पार्टी से दूरी बनाई है। असद का यह फैसला फवाद चौधरी के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से अलग होने की घोषणा के कुछ घंटे बाद आया है।
ये नेता छोड़ चुके हैं PTI
पीटीआई छोड़ने वाले नेताओं में फयाजुल हसन चौहान, अब्दुल रज्जाक खान नियाजी, शिरीन मजारी, मखदूम इफ्तिखारूल हसन गिलानी, ख्वाजा कुतब फरीद कोरेजा, आमिर महमूद कियानी, चौधरी वजाहत हुसैन, आफताब सिद्दिकी, सईद जुल्फिकार अली शाह और उस्मान ताराकई शामिल हैं। पीटीआई छोड़ने के बाद मजारी ने कहा, 'आज के बाद मैं पीटीआई या किसी अन्य राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं रहूंगी।'
इमरान का सियासी भविष्य अब संकट में
बहरहाल, इमरान का सियासी भविष्य अब संकट में नजर आ रहा है। अदालत के दखल से ही वह जेल से बाहर निकल पाए हैं। सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह पीटीआई को चुनाव लड़ने से रोकने पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। ऐसे में इमरान कब तक इस जंग को जारी रख पाते हैं इस पर सबकी नजरें बनी हुई हैं। सेना और सरकार दोनों से दुश्मनी मोल लेकर इमरान ने बड़ा खतरा उठाया है। अब आशंका जताए जाने लगी है कि कहीं इमरान खान का अंजाम जुल्फिकार अली भुट्टो जैसा न हो जाए जिन्हें सेना ने फांसी पर लटका दिया था।
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