UN में वोटिंग से किनारा कर भारत ने की चीन की मदद! अमेरिका का प्रस्ताव हुआ खारिज
India in UN: सैंतालीस सदस्यीय परिषद में यह मसौदा प्रस्ताव खारिज हो गया, क्योंकि 17 सदस्यों ने पक्ष में तथा चीन सहित 19 देशों ने मसौदा प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया। भारत, ब्राजील, मैक्सिको और यूक्रेन सहित 11 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
भारत ने चीन के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग करने से किया परहेज
- UN में चीन के खिलाफ प्रस्ताव लाया अमेरिका, भारत ने वोटिंग से किया किनारा कर परहेज
- चीन में उइगर मुस्लिमों की स्थिति को लेकर प्रस्ताव लाया था अमेरिका
- भारत सहित 11 देशों ने वोटिंग से किया परहेज, 19 सदस्यों ने किया विरोध
World News: भारत (India) ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में चीन (China) के अशांत शिनजियांग (Xinjiang) क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति पर बहस करने के लिए लाए गए अमेरिकी (USA) मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग करने से परहेज करते हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया। मानवाधिकार समूह संसाधन संपन्न उत्तर-पश्चिमी चीनी प्रांत में (मानवाधिकार हनन की) घटनाओं को लेकर पिछले कई सालों से सवाल उठाते हैं। संगठनों का आरोप है कि चीन ने 10 लाख से अधिक उइगरों (Uyghurs) को उनकी इच्छा के विरुद्ध कथित ‘पुनर्शिक्षा शिविरों’ में हिरासत में रखा है।
19 देशों ने खिलाफ में डाला वोटचीन के शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों की स्थिति के लाए गए अमेरिकी मसौदा प्रस्ताव- 'चीन के शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में मानवाधिकारों की स्थिति पर चर्चा।' को खारिज कर दिया गया। 47 सदस्यीय परिषद में 17 सदस्यों ने मसौदे के पक्ष में मतदान किया जबकि चीन सहित 19 सदस्यों ने इसके विरोध मतदान किया था, और भारत, ब्राजील, मैक्सिको और यूक्रेन सहित 11 सदस्यों ने मतदान नहीं किया था।
तुर्की ने भी किया था प्रस्ताव का समर्थन
मसौदा प्रस्ताव को कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, यूके और यूएसए ने मिलकर एक कोर समूह के जरिए प्रस्तुत किया था और तुर्की सहित कई देशों द्वारा इसे समर्थन दिया गया था। ह्यूमन राइट्स वॉच में चीन की निदेशक सोफी रिचर्डसन ने एक बयान में कहा कि अपने इतिहास में पहली बार, संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार निकाय ने चीन के शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति पर बहस करने के प्रस्ताव पर विचार किया। रिचर्डसन ने कहा कि मानवता के खिलाफ चीन के अपराधों के दाग कभी नहीं मिल सकते हैं और इसके लिए उन्होंने मानवाधिकारों की संयुक्त राष्ट्र के पूर्व उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट की हालिया रिपोर्ट का हवाला दिया।
चीन पर लगते हैं आरोपरिचर्डसन ने कहा कि हम आने वाले उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क से आग्रह करते हैं कि वो अपने कार्यालय की रिपोर्ट परिषद के सामने रखे और हम देशों, कंपनियों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने का आग्रह करते हैं। उन्होंने मांग की कि चीनी अधिकारियों को उनके अंतरराष्ट्रीय अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए। चीन में उइगरों और अन्य मुस्लिम बहुल समुदायों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के गंभीर आरोपों को 2017 के अंत से ही लगातार संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार तंत्र के ध्यान में लाया जाता रहा है।
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राजनीति में विशेष दिलचस्पी रखने वाले किशोर जोशी को और खेल के साथ-साथ संगीत से भी विशेष लगाव है। यह टाइम्स नाउ हिंदी डिजिटल में नेशनल डेस्क पर कार्यरत ...और देखें
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