भारत ने UN में फिर पाकिस्तान के नापाक इरादों का किया पर्दापाश, कहा- 'हर साल हो रहा हजारों महिलाओं का धर्मपरिवर्तन'

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि उसकी यह हरकत गलत सूचना फैलाने और शरारतपूर्ण उकसावे वाली है।

UNO

भारत ने UN में फिर पाकिस्तान को दिया मुंहलोड़ जवाब

UNSC: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए पाकिस्तान की निंदा की और इसे गलत सूचना फैलाने की उनकी आजमाई हुई रणनीति के आधार पर शरारती उकसावे कहा। बदलते परिवेश में शांति स्थापित करने वाली महिलाओं पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस के दौरान जवाब देने के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए भारत ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं की दयनीय स्थिति पर इस्लामाबाद को आड़े हाथों लिया।

यूएनएससी में पाकिस्तान फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस को संबोधित करते हुए न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि यह घृणित है, फिर भी पूरी तरह से अनुमान लगाने योग्य है, कि एक प्रतिनिधिमंडल ने अपने अभिमान और गलत सूचना और दुष्प्रचार फैलाने की आजमाई हुई रणनीति के आधार पर शरारती उकसावे में लिप्त होने का विकल्प चुना है। इस महत्वपूर्ण वार्षिक बहस में इस तरह के राजनीतिक प्रचार में लिप्त होना पूरी तरह से गलत है। हम अच्छी तरह से जानते हैं कि उस देश में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों से संबंधित महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। उनकी टिप्पणी यूएनएससी (UNSC) बहस के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा जम्मू और कश्मीर का संदर्भ दिए जाने के बाद आई है।

भारत ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक महिलाओं की स्थिति पर जताई चिंता

पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि उस विशेष देश के मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इन अल्पसंख्यक समुदायों की अनुमानित एक हजार महिलाएं हर साल अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह का शिकार होती हैं। खैर, मैं और भी बातें कर सकता हूं, लेकिन मैं यहीं समाप्त करता हूं। भारत ने बदलते परिवेश में महिलाओं द्वारा शांति स्थापित करने पर महत्वपूर्ण बहस आयोजित करने के लिए स्विट्जरलैंड को धन्यवाद दिया और उप महासचिव, संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यकारी निदेशक और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों द्वारा दी गई जानकारीपूर्ण ब्रीफिंग की सराहना की। हरीश ने कहा कि जैसा कि हम परिषद के प्रस्ताव 1325 की 25वीं वर्षगांठ के करीब पहुंच रहे हैं, भारत महिला, शांति और सुरक्षा एजेंडे के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। हम मानते हैं कि स्थायी शांति के लिए राजनीति, शासन, संस्था निर्माण, कानून का शासन, सुरक्षा क्षेत्र और आर्थिक सुधार सहित निर्णय लेने के सभी स्तरों पर महिलाओं की पूर्ण समान, सार्थक और सुरक्षित भागीदारी की आवश्यकता होती है।

ये भी पढ़ें: इजराइल ने ईरान के खिलाफ छेड़ दी जंग! धमाकों से दहला तेहरान, IDF ने सैन्य ठिकानों पर की बमबारी

पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में हमें ऑनलाइन खतरों और गलत सूचनाओं से बचते हुए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। हमने लैंगिक विभाजन को कम करने वित्तीय समावेशन को बढ़ाने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाया है, खासकर ग्रामीण भारत में। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत तंत्र विकसित करने का आह्वान करते हैं। हरीश ने शांति स्थापना टुकड़ियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और महिला शांति निर्माणकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण पहलों का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने डब्ल्यूपीएस एजेंडे को सिद्धांत से व्यवहार में बदलने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और अधिक शांतिपूर्ण, समावेशी और लैंगिक-समान दुनिया बनाने के लिए सभी हितधारकों के साथ सहयोग करने की तत्परता व्यक्त की।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। दुनिया (World News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited