China BRI Project: भारत ने चीन के बीआरआई का फिर किया विरोध, रूस ने दिया ड्रैगन का साथ
नई दिल्ली में जुलाई में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने बीआरआई का समर्थन नहीं किया था जबकि अन्य सदस्यों ने परियोजना का समर्थन किया था।
India Opposes BRI: भारत ने गुरुवार को एक बार फिर चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का समर्थन करने से इनकार कर दिया। हालांकि रूस ने इस प्रोजेक्ट पर चीन का साथ दिया है। बिश्केक में एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक के अंत में एक संयुक्त बयान में कहा गया कि रूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने चीन के बीआरआई के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की जो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पसंदीदा परियोजना है।
दिल्ली में एससीओ के दौरान भी भारत रहा दूर
नई दिल्ली में जुलाई में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने बीआरआई का समर्थन नहीं किया था जबकि अन्य सदस्यों ने परियोजना का समर्थन किया था। भारत ने 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (बीआरआई की प्रमुख परियोजना) पर चीन का विरोध किया क्योंकि इसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में बनाया जा रहा है।
जयशंकर ने दिया संदेश
बिश्केक में शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एससीओ सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का सख्ती से पालन करके, एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करके और आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहन देकर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। अपने संबोधन में जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा समृद्धि का प्रवर्तक बन सकते हैं।
आईएमईई गलियारा है बीआरआई का विकल्प
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा की संयुक्त रूप से घोषणा अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं ने सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान की थी। इसे चीन के बीआरआई के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा भारत, ईरान, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए जहाज, रेल और सड़क मार्गों का 7,200 किलोमीटर लंबा मल्टी-मोड नेटवर्क है। (भाषा इनपुट)
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