हाफिज सईद पर भारत हमलावर, पाकिस्तान ने खेला विक्टिम कार्ड

हाफिज सईद, मसूद अजहर को पूरी दुनिया आतंकी मानती है, यह बात अलग है कि पाकिस्तान इन्हें शांति का मसीहा मानता है। पाकिस्तान ने कहा कि हाफिज सईद-मसूद अजहर के बारे में भारत अनर्गल बात करता है।

hafiz saeed

लश्कर-ए- तैयबा का सरगना है हाफिज सईद

क्या पाकिस्तान भी आतंकवाद से पीड़ित है। इस सवाल का जवाब पाकिस्तान खुद देता है कि उसके भी कई इलाकों में आतंकी हमले हुए हैं, बेगुनाहों को जान गंवानी पड़ी है। लेकिन हकीकत क्या है, क्या हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर उसके देश में शरण नहीं लिए हुए हैं। जिन्हें दुनिया आतंकी मानती है वो पाकिस्तान को शांतिदूत नजर आते हैं। पाकिस्तान खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया के सामने पाकिस्तान की पोल पट्टी खोल रहे थे और पाकिस्तान भारत पर आरोप लगा रहा था कि हाफिज सईद के बारे में भारत बेबुनियाद बात करता है।

सईद-अजहर के नाम पर बिलबिलाने लगता है पाकिस्तान

पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ सईद के जिहादी संगठन ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में नरसंहार करने के लिए हाथ मिलाया। उस आतंकी हमले में निर्दोष भारतीयों के साथ-साथ अमेरिका और इजरायली नागरिक भी मारे गए थे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने सामान्य कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ आवाज उठाई। उनके जूनियर मंत्री ने इस्लामाबाद से मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और वैश्विक सुन्नी जिहादी के जौहर टाउन घर के पास 2021 में हुए बम विस्फोट के लिए दिल्ली को जिम्मेदार ठहराया। 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला, पठानकोट एयरबेस पर हमला, उड़ी हमला और पुलवामा हमला, पाकिस्तान के पंजाब स्थित विश्व स्तर पर अभियुक्त जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह द्वारा संचालित किया गया था जिसका नेतृत्व अल्वी परिवार अध्यक्ष मसूद अजहर ने किया था।

सईद-अजहर कहां, जानती है पूरी दुनिया

खुफिया दुनिया जानती है कि मसूद अजहर और भारतीय आतंकी भगोड़ा दाऊद इब्राहिम राज्य स्तर के प्रमुख की पाक सुरक्षा में हैं। बिलावल भुट्टो दुनिया को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि देवबंदी जिहादी अफगानिस्तान में है और चाहता है कि तालिबान उसे पाकिस्तान को सौंप दे। यहां तक कि कनिष्ठ मंत्री हिना खार ने भारत पर 1267 समिति में अपने प्रभाव का उपयोग करके कुछ चार भारतीयों के लिए संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादी पदनाम को अवरुद्ध करने का आरोप लगाया। जबकि हकीकत यह है कि पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन ने मसूद अजहर के लिए वैश्विक आतंकवादी पदनाम को अवरुद्ध करने से पहले चार बार रोकने की कोशिश की। अलकायदा प्रतिबंध समिति में इस्लामाबाद के लिए खुले तौर पर बल्लेबाजी कर रहा था। 1267 समिति में अपनी वीटो शक्ति का उपयोग करते हुए चीन ने सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की, 26/11 के हत्यारे साजिद मीर और जैश के संचालन प्रमुख रऊफ अजहर अल्वी जैसे वैश्विक आतंकी सरगनाओं को राहत दी है।
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ललित राय author

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