भारत-बांग्लादेश के रिश्तों के लिए कैसा रहा साल 2024? 5 पॉइंट में समझिए सबकुछ

Year Ender 2024: दुनियाभर में नये साल के जश्न की तैयारियां चल रही हैं। भारत और बांग्लादेश के संबंधों के लिए साल 2024 सबसे चिंताजनक वर्ष रहा। पड़ोसी देश में तख्तापलट और शेख हसीना का भारत पहुंचना बड़ा मुद्दा बना रहा। सत्ता से नाटकीय बेदखली का भारत के साथ संबंधों पर असर पड़ा।

साल 2024 में कैसे रहे भारत-बांग्लादेश के रिश्ते।

India Bangladesh Relation in 2024: बांग्लादेश को इस साल शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के कारण उथल-पुथल का सामना करना पड़ा। इस घटनाक्रम ने भारत के साथ बांग्लादेश के पारंपरिक रूप से मजबूत संबंधों पर भी असर डाला। दोनों देशों के संबंध और तनावपूर्ण होने की आशंका है क्योंकि बांग्लादेश अब भारत से हसीना का प्रत्यर्पण चाहता है। भारत और बांग्लादेश के संबंध बेहद चिंताजनक स्थिति में हैं। ऐसे में आपको साल 2024 में दोनों देशों के संबंध से जुड़ी कुछ अहम बातें 5 बिंदुओं में समझाते हैं।

शेख हसीना के 16 साल के शासन का लोगों ने कर दिया खात्मा

लंबे समय तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं 77 वर्षीय हसीना को सत्ता से हटाए जाने से पूर्व, देश में सरकारी नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर छात्रों के नेतृत्व में कई सप्ताह तक विरोध प्रदर्शन हुए थे जो बाद में एक राष्ट्रव्यापी अभियान में बदल गए जिसने उनके 16 साल के शासन का खात्मा कर दिया। अगस्त में हजारों लोगों ने रैली निकाली। सेना ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक बलप्रयोग नहीं करने का फैसला किया और हसीना आनन फानन में बांग्लादेश छोड़कर भारत चली गईं। आंदोलन के चंद महीने पहले उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर चौथा कार्यकाल हासिल किया था जिसे वह पूरा नहीं कर पाईं। नोबेल पुरस्कार विजेता 84 वर्षीय मुहम्मद यूनुस को छात्र प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना था। यूनुस का हसीना सरकार के साथ लंबे समय से विवाद रहा था।

देखते ही देखते भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव आ गया

यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के आठ अगस्त को सत्ता में आने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव आ गया। पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर हमलों की बाढ़ सी आ गई है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस महीने की शुरुआत में ढाका की यात्रा के दौरान इस संबंध में भारत की चिंता को व्यक्त किया था। ‘थिंक टैंक’ बांग्लादेश एंटरप्राइजेज इंस्टीट्यूट (बीईआई) के प्रमुख पूर्व राजनयिक हुमायूं कबीर ने कहा, ‘‘भारतीय विदेश सचिव की यात्रा ने संकेत दिया है कि भारत बदली हुई वास्तविकता को स्वीकार करते हुए बांग्लादेश के साथ सामान्य संबंध बनाए रखने के लिए उत्सुक है।’’ वे स्पष्ट तौर पर हसीना सरकार के साथ भारत के घनिष्ठ संबंधों का जिक्र कर रहे थे। हाल के सप्ताह में हसीना ने यूनुस के नेतृत्व वाले प्रशासन पर ‘‘नरसंहार’’ करने और अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।

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