'75 फीसद सुधरे हालात' के बाद जयशंकर ने भारत-चीन के रिश्तों पर अब कह दी ये बड़ी बात
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि भारत और चीन के बीच सीमा पर हालात में 75 फीसद तक सुधार हुआ है। अपने न्यूयॉर्क दौरे में मंगलवार को उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध काफी अशांत हैं। उन्होंने 75 फीसद वाले बयान पर भी सफाई दी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत और चीन के रिश्तों पर एक बार फिर खुलकर बात की। विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीन के बीच संबंध काफी अशांत हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच वर्तमान में प्राथमिक मुद्दा यह है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर दोनों ओर गश्त कैसे करते हैं। उन्होंने 4 साल पहले LAC पर गलवान घाटी में हुई झड़प का जिक्र करते हुए कहा कि 2020 के बाद गश्त की व्यवस्था में गड़बड़ी हुई है।
बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। मंगलवार को न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी और द एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के कार्यक्रम 'इंडिया, एशिया एंड द वर्ल्ड' शीर्षक वाले कार्यक्रम में उन्होंने यह बातें कहीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का चीन के साथ इतिहास अच्छा नहीं रहा है, इसमें 1962 की लड़ाई भी शामिल है।
उन्होंने कहा, युद्ध के बाद चीन में वापस अपने राजदूतों को भेजने में हमें 14 साल का समय लगा। यही नहीं कार्यप्रणाली तक पहुंचने में 12 और साल लग गए। उन्होंने कहा, इसका आधार सीमा क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने वाले संबंध विकसित करना था। शांति बनाए रखने के लिए हमने समझौतों की एस सीरीज बनाई। इसमें से हर समझौता सीमा रखे पर शांति बनाए रखने के लिए बारीकी से किया या।
उन्होंने कहा- हालांकि, साल 2020 में चीन LAC पर भारी संख्या में सैनिकों को ले आया, जिससे उन समझौतों का उल्लंघन हुआ। उन्होंने कहा, 'जब सैनिकों को बहुत ही करीब तैनात किया गया, जो कि बहुत ही खतरनाक है। तो दुर्घटना होने की आशंका थी जो हुआ भी। झड़प हुई और इस झड़प में दोनों तरफ के कई सैनिक मारे गए।'
उन्होंने कहा, इन हालात ने दोनों देशों के बीच के संबंधों को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब तक दोनों देश सीमा पर शांति और स्थिरता बहाल नहीं कर लेते, तब तक भारत-चीन संबंधों को व्यापक रूप से आगे बढ़ाना मुश्किल होगा। पिछले चार साल में सैनिकों को पीछे हटाने पर भी मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है। अभी मौजूदा दौर में दोनों पक्षों की ओर से अग्रिम मोर्चे पर सैनिक तैनात किए गए हैं।
भारत-चीन सीमा विवाद पर 75 फीसद प्रगति के बारे में की गई अपनी टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए जयशंकर ने कहा - 'जब मैंने यह कहा कि 75 फीसद समाधान हो चुका है, तो मैं उस प्रश्न का जवाब दे रहा था, जिसमें मुझसे सेनाओं के डिस-एंगेजमेंट को लेकर हुई प्रगति की पर्सेंटेज पूछी गई थी।' विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों का समानांतर उदय वैश्विक राजनीति में एक बहुत बड़ी चुनौती है।
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